रिपोर्ट – आनन्द बरनवाल
प्लेस – तीसरी, गिरिडीह
तीसरी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में इन दिनों मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है और इस पर रोक लगाने में यहां के बीडीओ असक्षम और नाकामयाब साबित होते दिख रहे है। इतना ही नहीं मनरेगा योजना को स्वीकृत करने के नाम पर बीडीओ को भी पैसे मिले जाने की भी पूरी प्रखंड में चर्चाएं हो रही है।
बता दें कि तीसरी प्रखंड के खिजरी पंचायत व थानसिंहडीह पंचायत समेत कई पंचायतों में कई एक मामले सामने आए आए हैं। जिसमे मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत किए गए डोभा, मिट्टी मोरम सड़क, टीसीबी, पशु शेड सहित कई योजनाओं में गड़बड़ी देखने मिल रही है। साथ ही इन योजनाओं को पंचायत के मुखिया, रोजगार सेवक व पंचायत सेवक द्वारा भी कराए जाने की बात सामने आ रही है। बताते चलें कि खिजरी पंचायत के निमाडीह गांव में लाभुकों द्वारा बीडीओ को लिखित शिकायत देते हुए मेटेरियल पेमेंट का भुगतान नहीं मिलने की बात को कहा गया है। दिए गए आवेदन में उनके द्वारा जिक्र किया गया है कि रोजगार सेवक व वेंडर द्वारा मिलीभगत से बोर्ड का 3000 रुपए हर योजना में भुगतान कर दिया गया है और स्थल पर बोर्ड भी नही लगाया है। और इसकी जानकारी तक उन्हें नहीं मिली है। वहीं दूसरी ओर थानसिंहडीह पंचायत के रंगमटिया गांव में लाभुक चंद्रिका कमार के नाम पर डोभा पारित किया गया जिसका पूरी तरह से भुगतान भी हो गया मगर इसकी जानकारी तक लाभुक को नहीं है। लाभुक से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि रोजगार सेवक द्वारा इस योजना को किया जा रहा है।
इस संबंध में भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष कपिल यादव ने भी स्थानीय बीडीओ को आवेदन देते हुए कार्यवाही की मांग की है।
वहीं इस संबंध में जब बीडीओ संतोष प्रजापति से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें आवेदन प्राप्त हुआ है और पूरे मामले की पड़ताल कर रहे हैं। अब तक तीन योजनाओं में बोर्ड लगा हुआ नही मिला है जिसके लिए वे रिकवरी करने वाले है। वहीं दूसरे मामले में भी जांच के बाद दोषी रोजगार सेवक, पंचायत सेवक व वेंडर पर कार्यवाही करने की बात कहे हैं।