पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का आज स्थापना दिवस है। पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के तहत मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को 21 जनवरी 1972 को अलग राज्य का दर्जा दिया गया था। पूर्ण राज्य बनने से पहले मेघालय असम का हिस्सा था। त्रिपुरा और मणिपुर की पूर्व रियासतों को 1949 में भारत में शामिल किया गया था। पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से पहले इसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जाना जाता था। 1971-1972 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के तुरंत बाद ही इन्हें पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था।
मणिपुर
मणिपुर को ‘भारत का आभूषण’ व ‘पूरब का स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। प्राकृतिक छटा के लिए मणिपुर बहुत प्रसिद्ध है।यहाँ तरोताजा करनेवाले जल-प्रपात, रंगबिरंगे फूल, दुर्लभ वनस्पतियां, पर्वत पहाड़ की छटा बिखरी हुई है। राज्य की कला व संस्कृति समृद्ध है। यहाँ की 70 प्रतिशत आबादी इसी पर निर्भर है।
त्रिपुरा
त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है। त्रिपुरा में हिन्दुओं की संख्या लगभग 84 प्रतिशत है। इसकी अपनी अनोखी जनजातीय संस्कृति तथा दिलचस्प लोकगाथाएँ है। इसके इतिहास को त्रिपुरा नरेश के बारे में ‘राजमाला’ गाथाओं तथा मुसलमान इतिहासकारों के वर्णनों से जाना जा सकता है।
मेघालय
मेघालय शब्द का शब्दिक अर्थ है: मेघों का आलय या घर। यह संस्कृत मूल से निकला है। यह एक पर्वतीय राज्य है जिसमें घाटियों और पठारों तथा ऊँची-नीची भूमि वाले क्षेत्र हैं। यहाँ पर भूगर्भीय सम्पदा भी प्रचुर उपलब्ध है। यहाँ मुख्यतः आर्कियन पाषाण संरचनाएं हैं। इन पाषाण शृंखलाओं में कोयला, चूना पत्थर, यूरेनियम और सिलिमैनाइट जैसे बहुमूल्य खनिजों के भंडार हैं। मेघालय में बहुत सी नदियाँ भी हैं जिनमें से अधिकांश वर्षा आश्रित और मौसमी हैं।
इन तीनो राज्यों के स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों को बधाई दी, राष्ट्रपति ने कहा- प्राकृतिक संपदा से भरपूर ये राज्य हमारे पूर्वोत्तर की जीवंत संस्कृति और अनूठी परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। मैं इन राज्यों के नागरिकों को सुखद और समृद्ध भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं। वहीँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के लोगों को स्थापना दिवस पर बधाई। ये राज्य भारत के विकास में जीवंत योगदान दे रहे हैं। मैं इन राज्यों के निरंतर प्रगति के लिए प्रार्थना करता हूँ।