रिपोर्ट:-विकास सिन्हा
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के तत्वावधान में कल से राष्ट्रव्यापी फिल्म महोत्सव का आयोजन शुरू होने जा रहा है जो पूरे एक माह तक चलेगा। जिसमें बच्चों से संबंधित विभिन्न प्रेरणादायी फिल्मों का प्रदर्शन कर उस पर परिचर्चा आयोजित की जाएगी। गावां एवं तिसरी के विभिन्न बाल मित्र गांवों में भी यह फ़िल्म महोत्सव चलेगा और गाँव-गाँव में फिल्में दिखाई जायेगी।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के वरिष्ठ निदेशक श्री ओमप्रकाश पाल ने फिल्मोत्सव के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि ” जन जागरूकता पैदा करने का सशक्त माध्यम होती हैं अच्छी फिल्में। फिल्मों के माध्यम से बच्चों को उनकी शिक्षा, सुरक्षा के प्रति अधिकारों के बारे में जागरूक किया जायेगा। “
ओमप्रकाश ने बताया कि
“फ़िल्म का प्रदर्शन झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक समेत विभिन्न राज्यों के बाल मित्र ग्रामों, विद्यालयों ,पंचायत भवनों, आंगनवाड़ी केंद्रों में किया जाएगा, तथा अंत में फ़िल्म के माध्यम से बच्चों की शिक्षा,सुरक्षा व अधिकारों पर परिचर्चा किया जाएगा जिससे सामाजिक जागरूकता पैदा हो सके। फिल्मोत्सव के दौरान “झलकी, स्टेनली का डब्बा, नील बटे सन्नाटा, द प्राईस ऑफ फ्री, तारे जमीन पर आदि फिल्मे दिखाई जाएगी।”
इस संबंध में ओमप्रकाश पाल ने बताया कि फिल्मोत्सव की शुरुआत का दिन 10 दिसंबर इसलिए चुना गया है क्योंकि 10 दिसम्बर को ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ के रूप में मनाया जाता है साथ ही यह दिन न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के बच्चों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, न्यायपूर्ण दुनिया व बालमित्र समाज मे विश्वास रखने वाले लोगों के लिए गौरव का भी दिन है। क्योंकि इसी दिन कैलाश सत्यार्थी को बच्चों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। फिल्म महोत्सव का समापन 11 जनवरी को होगा जो कैलाश सत्यार्थी का जन्मदिन है, जिसे बच्चे ‘सुरक्षित बचपन दिवस ‘ के रूप में मनाते हैं।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि गावां में फ़िल्म महोत्सव की शुरुआत सेरुआ पंचायत भवन में ग्रामीणों एवं बच्चों को फिल्म दिखा कर किया जायेगा।