झारखंड के देवघर में त्रिकूट पहाड़ पर हुए रोप-वे हादसे के बाद अभी भी जारी है राहत-बचाव कार्य। फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए वायु सेना की मदद ली जा रही है। हालांकि, तारों के जाल के कारण NDRF और सेना के कमांडो को रेस्क्यू करने में काफी मुश्किलें हो रही है छह घंटे की मशक्कत के बाद भी कमांडो रेस्क्यू नहीं कर पाए हैं। इस बीच ड्रोन के जरिए ट्रॉली में फंसे लोगों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। दो MI-17 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू में लगाए गए हैं। कई लोग अभी भी फँसे हुए हैं।
आपको बता दें कि त्रिकूट रोपवे में रविवार की शाम बड़ा हादसा हो गया था। करीब 4:30 बजे रोपवे जैसे ही डाउन स्टेशन से चालू हुआ कि पहाड़ की चोटी पर स्थित रोप-वे के यूटीपी स्टेशन का रोलर अचानक टूट गया। इसके बाद रोपवे की 23 ट्रॉलियां एक झटके में सात फीट नीचे लटक गयीं। वहीं, सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी थी, जिसमें पांच लोग सवार थे. स्थानीय लोगों और रोप-वे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाला था। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। रांची एयरपोर्ट में संवाददाताओं को उन्होंने बताया कि इस हादसे के बाद युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ और बचाव दल के द्वारा लोगों को सकुशल निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें विशेषज्ञों की भी सहायता ली जा रही है। इस हादसे पर सरकार की पूरी नजर है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सरकार द्वारा लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।