रिपोर्ट:-विकास सिन्हा
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के तत्वावधान में शुक्रवार को सेरुआ पंचायत भवन में फ़िल्म ” झलकी” का प्रदर्शन कर बाल मित्र ग्राम फिल्म महोत्सव की शुरूआत की गई।
“बालमित्र ग्राम फ़िल्म महोत्सव” के
समाजसेवी सागर चौधरी एवं सेरुआ मुखिया पार्वती देवी द्वारा संयुक्त रुप से फीता काटकर फ़िल्म महोत्सव का उदघाटन किया गया।
बाल अधिकार आंदोलन के वैश्विक नेता व नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के संघर्षों से प्रेरित फ़िल्म “झलकी” , बालश्रम एवं बच्चों की अवैध खरीद फरोख्त व चाइल्ड ट्रैफिकिंग पर केंद्रित है । जबरिया बाल मजदूरी व गुलामी के लिए अपराधियों द्वारा बच्चों की अवैध खरीद फरोख्त व ट्रैफिकिंग के तौर तरीकों (मोड्स ऑफ ऑपरेंडी ) एवं चरम शोषण को उद्घाटित करती यह फ़िल्म समाज और बच्चों को सावधान रहने की सीख देती है।
फ़िल्म में दिखाया गया है कि जिस उम्र में बच्चों के हाथों में खिलौने और किताबें होनी चाहिए उस समय उन्हें उससे वंचित करके जबरदस्ती 12 से 14 घंटे काम कराया जाता है। फिल्म की नायिका एक छोटी बच्ची झलकी है। जो इस बाल मजदूरी का विरोध करती है और इसके खिलाफ लड़ाई लड़ती है और ट्रैफिकर्स की चंगुल से अन्ततः अपने 7 वर्षीय भाई को आज़ाद कराने में सफल रहती है। प्रसिद्ध अभिनेता बोमेन ईरानी ने कैलाश सत्यार्थी की भूमिका और गोविंद नामदेव ने ट्रैफिकर का रोल अदा किया किया। फ़िल्म के डायरेक्टर नेशनल अवार्ड विनर ब्रह्मा नंद सिंह एवं तान्या झा हैं।
बाल अधिकार कार्यकर्ता सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि “आज का दिन दुनियाभर के बच्चों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, न्यायपूर्ण दुनिया व बालमित्र समाज मे विश्वास रखने वाले लोगों के लिए गौरव का दिन है।
कार्यक्रम का संचालन बाल अधिकार कार्यकर्ता मो.आरिफ़ अंसारी एवं धन्यवाद ज्ञापन राजेश शर्मा के द्वारा किया गया।
मौके पर सरिता सोनी,पूजा विश्वकर्मा,रिंकी श्रीवास्तव,बाल अधिकार कार्यकर्ता प्रीति कुमारी मो.आरिफ़ अंसारी,कृष्णा पासवन, राजेश शर्मा, पंकज कुमार,नीरज कुमार,वेंकटेश प्रजापति,सतीश मिस्त्री एवं सैकड़ों की संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे l