आज तीसरी प्रखंड के खोटो और खरखरी में बाल मित्र ग्राम में विद्यालय के शिक्षक और विद्यालय प्रबंधन समिति सदस्यों के जिम्मे कुल 8 स्मार्ट फोन वितरण किया गया
तीसरी थाना प्रभारी श्री पीकू प्रसाद के कर कमलों से खोटो में कराया गया स्मार्ट फोन वितरण
तीसरी थाना प्रभारी ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाऊंडेशन द्वारा बच्चों की दूरस्थ शिक्षा के लिए स्मार्ट फोन वितरण किया जाना प्रशंसनीय है, कोविड़ ने पूरी तरह शिक्षा व्यवस्था को कमजोर कर के रख दिया, पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशन में भी झारखंड पुलिस सक्षम लोगों से अपील करती है कि वे अपने पुराने फोन को गरीबों के लिए दान करें। हम कैलाश सत्यार्थी जी की दूरस्थ सोच को हम सभी नमन करते हैं, बच्चों के प्रति उनके समर्पण को हर कोई जानता है 1980 से अब तक उनके कार्यों को बारे में हम जानते हैं नॉबेल शांति पुरस्कार विजेता होने के पश्चात उनके कार्यों के बारे में लोग अधिक जानने लगे।
तीसरी क्षेत्र में लगातार सत्यार्थी फाउंडेशन द्वारा बेहतर कार्य किए जा रहे है, हम अपनी तरफ से सुरक्षा के लिए जहां भी जरूरत पड़ेगा, मदद के लिए तैयार हैं।
*हम सभी इस फोन के माध्यम से बच्चों की नियमित शिक्षा सुनिश्चित करेंगे- वासुदेव नंदन यादव (SMC अध्यक्ष)
विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष महोदय ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाऊंडेशन द्वारा बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए दिए जा रहे स्मार्ट फोन की सदूपयोगिता का हमलोग पूर्ण ध्यान रखेंगे।
विदित हो कि, औपचारिक स्कूली शिक्षा प्रणाली के लिए COVID-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौती ने दुनिया को औपचारिक शिक्षा के नए तरीकों का पता लगाने के लिए मजबूर किया क्योंकि स्कूल लंबे समय तक बंद हैं। स्कूलों, शिक्षकों, अभिभावकों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), कॉरपोरेट्स और सरकार द्वारा भारत में बच्चों की शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कई नवाचार किए गए। इस प्रक्रिया में, भारत में बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन शिक्षा सबसे व्यवहार्य विधि के रूप में उभरी है। कोविड-19 ने देश में ऑनलाइन और शिक्षा के डिजिटलीकरण को अभूतपूर्व बढ़ावा दिया है। स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन के लिए अपनी डिजिटल क्षमताओं में सुधार करने के लिए तत्पर थे l विभिन्न सरकारों ने भी इसी तरह के रास्ते का अनुसरण किया और विभिन्न ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल और सामग्री के साथ आई, जो इंटरनेट और फोन के माध्यम से वितरित की गई या कथित स्वामित्व वाले टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित की गई। हालांकि, मोबाइल और इंटरनेट की पहुंच और देश में पहले से ही असमान स्कूली शिक्षा के मामले में शहरी-ग्रामीण विभाजन के कारण यह सरकार के लिए आसान काम नहीं था।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) ने अपने प्रमुख कार्यक्रम बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) -(चाइल्ड फ्रेंडली विलेज) के माध्यम से छह राज्यों में स्कूल में हर बच्चे का नामांकन और प्रतिधारण सुनिश्चित करके विभिन्न प्रकार के शोषण से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। केएससीएफ मोबाइलशाला नामक परियोजना के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए आवश्यक शैक्षिक उपकरणों से लैस स्मार्ट फोन और इंटरनेट तक पहुंच की सुविधा के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बीएमजी के सरकारी स्कूलों को स्मार्ट फोन का एक सेट प्रदान किया जा रहा है और शिक्षकों द्वारा समूहों में बच्चों द्वारा फोन के पर्यवेक्षित उपयोग को सुनिश्चित किया जाएगा। माता-पिता, पंचायत और स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) की भागीदारी कार्यक्रम के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। शैक्षिक ऐप जो संबंधित राज्य के पाठ्यक्रम के साथ सबसे अधिक संरेखित हैं और मुफ्त में उपलब्ध हैं, का उपयोग शिक्षण-अधिगम के लिए किया जाएगा।
उक्त मोबाइल वितरण समारोह में तिसरी थाना प्रभारी सहित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाऊंडेशन कार्यकर्ता सुरेंद्र पंडित, संदीप नयन, राजू सिंह, छोटेलाल पांडेय, भरत पाठक, मुकेश मिश्रा, तरुण स्वर्णकार, खोटाे विद्यालय शिक्षिका सिंधु कुमारी, एसएमसी अध्यक्ष वासुदेव नंदन यादव, शिक्षक नंदकिशोर यादव, राजेश यादव, बाल पंचायत की राखी कुमारी, नीलू कुमारी, अंकिता, अमित, सिंकु सहित अन्य उपस्थित रहे।