तिसरी ब्लॉक के कन्हई गांव में पत्थर खदान संचालकों ने एक सरकारी स्कूल भवन में कब्जा कर लिया है।एक बंद पड़े सरकारी स्कूल के भवन को बपौती प्रॉपर्टी समझ कर उसका धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।स्कूल भवन कन्हई के ननकू टोला में बना हुआ है। वर्ष 2016 में इस भवन में चल रहे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय को सरकार ने कन्हई के मध्य सरकार ने मर्ज कर दिया। उसके बाद भवन से बेकार पड़ा था। दो वर्ष पहले जब गांव में पत्थर खदान कंपनी के लोग पहुंचे तो उसके कर्मियों ने बंद स्कूल भवन में डेरा डाल दिया।स्कूल भवन में ही कंपनी का मेस भी चल रहा है, इसके साथ डीजल टैंकर, जेनरेटर के साथ हर कमरों में कर्मी शिफ्ट सरकारी स्कूल भवन परिसर में रखा जेनरेटर, गाड़ी और बाहर टंगे कपड़े यह बताने के लिए काफी है की खदान संचालक इसका इस्तेमाल खुलेआम कर रहे हैं। इस अवैध कब्जे की वजह से उस भवन का उपयोग अब गांव के लोग किसी भी सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी नहीं कर पाते हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि करीब 2 वर्षों से भवन पर हुए कब्जे की जानकारी न तो शिक्षा विभाग व अंचल के अधिकारियों को है और न ही जिला प्रशासन को। हाल के दिनों में भवन काफी जर्जर हो चला है। मामले में जब माइंस प्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार किया। बताया जाता है कि माइंस का संचालन भी अवैध तरीके से हो रहा है। क्योंकि लीज एरिया के बाहर के क्षेत्र में यहां माइनिंग हो रही है। हैवी ब्लास्टिंग की वजह से गांव के लोग भी परेशान हैं और प्रदूषण की समस्या भी इलाके में व्याप्त हो गई है। कुल मिलाकर यह मीनिंग यूनिट आसपास के ग्रामीणों के जी का जंजाल बनी हुई है। प्रशासन को इश ओर ध्यान देने की जरूरत है।