पचम्बा में आये दिन दो समुदायों के बीच आपसी झड़प होती रहती है। अभी कुछ ही महीने पूर्व जमकर पत्थरबाज़ी हुई थी। वो केस अभी तक सुलझा भी नहीं था कि एकनबार पुनः दो गुटों में आपसी भिड़ंत हो गई है, अस्तुराबाज़ी, मारपीट हो गई जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो चुके हैं। आश्चर्य और चिंता की बात ये है कि पचम्बा थाना परिसर के अंदर ऐसी घटना घटती है और पचम्बा पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। ऐसा प्रतीत होता है कि पचम्बा के भू-माफियाओं, उपद्रवियों को स्थानीय पुलिस एवं सत्ताधारी पक्ष के विधायक का संरक्षण प्राप्त है। जिला प्रशासन की कार्रवाई में इतनी शिथिलता की वजह क्या है ?
जिला के उपायुक्त एवं आरक्षी अधीक्षक से मेरा आग्रह है कि उक्त घटना की जाँच कर त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को सज़ा दें ताकि लगातार हो रहे खूनी संघर्ष से पचम्बा की जनता सुरक्षित रह सके। साथ ही, पूर्व में भी मैंने कहा था कि हटिया रोड पचम्बा को अतिक्रमण मुक्त कराया जाय। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति की एक बड़ी वजह अतिक्रमित सड़क भी है। जिला प्रशासन यदि उक्त घटना पर कार्रवाई कर दोषियों को सज़ा दिलाने में विलंब करेगी तो भाजपा उग्र और चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी।