जय श्री राम, यह वही नारा है जो 2 साल से कहीं खो सा गया था, रामनवमी के अवसर पर भी सड़कें वीरान थी, लोग अपने मन को न चाहते हुए भी समेटे हुए थे लेकिन आखिरकार खत्म हुआ हिन्दुओं का इंतज़ार, 2 साल बाद वह पल आ ही गया जब हर तरफ जय श्री राम के नारे लगाए जायेंगे। चारों ओर भगवा रंग लहराएगा। रामनवमी का पर्व लोगों में उत्साह और नयी चेतना को जगाता है। यह पर्व हिन्दुओं के लिए बहुत ही खास होता है। सभी लोग भगवा रंग में ऐसे रंगे होते है मानो उनके लिए इस रंग से ज्यादा प्रिय कुछ भी नहीं है। लोग बड़े ही धूमधाम से जुलुस निकलते है। कोरोना की वजह से 2 साल से रामनवमी पर जुलुस नहीं निकाला गया था। लेकिन अब कोरोना के ख़त्म होने के बाद पूरा भारत जय श्री राम के नारे से गूंज उठेगा। लोग जुलुस में भाग लेंगे और फिर से हमारा देश राम की भक्ति में लीन होगा।
रामनवमी पर श्री राम और बजरंबली की पूजा की जाती है साथ ही लोग अस्त्र शस्त्र को भी पूजते है। घरों में ध्वजा लगाया जाता है कहा जाता है कि रामनवमी का पर्व मर्यादा पुरषोत्तम के जन्म के उपलक्ष में मनाया जाता है। हर मंदिर एवं चौराहों पर केसरिया झंडा लगाया जाता है घरों और मंदिरों में रामचरित मानस का पाठ किया जाता है। लोग बड़े ही उत्साह और प्रेम से इस पर्व को मनाते है।
शास्त्रों के अनुसार, लंकापति रावण के अत्याचारों को खत्म करने के लिए विष्णु जी ने राम के रूप में त्रेता युग में जन्म लिया था और बुराई का अंत किया था।
2 साल बाद रामनवमी पर जुलुस को निकालने का उत्साह अभी से ही लोगों में दिख रहा है, लोग बड़े जोर शोर से इसकी तैयारियों में भी जुट गए है। चौक चौराहों की साफ़ सफाई और रौनक अभी से ही युवकों के उत्साह को प्रदर्शित कर रही है।