शब-ए-बारात मुस्लिम समुदाय के लिए काफी नेक व इबादत का पर्व माना जाता हैं। इसे शबे बारात, लैलातुल बारात जैसे नामों से भी जाना जाता है। दरअसल, इस पर्व को क्षमा की रात के रूप में मनाते हैं। इस दिन अल्लाह से अपनी गुनाहों की माफी मांगने के साथ अपनी पूर्वजों की क्रबों के पास जाकर दुआ मांगते हैं और अल्लाह से दुआ करते हैं कि उन्हें जन्नत नसीब हो। इस्लामिक कैलेंडर का 8वां महीना शाबान का होता है और इसी महीने की 15वीं तारीख को शब ए बारात मनाया जाता है। इस साल शब-ए-बारात 25 फरवरी को मनाई जा रही है। जिसको लेकर रविवार को गांडेय मुख्यालय समेत दलवाडीह, परमाडीह, महेशमुण्डा, डोकीडीह, महजोरी, फुलझरिया, फुलजोरी, घाटकुल, करमई, ताराटांड़, टोपैय्या, गिरनिया, तुरुकटोपा, लोहारी, रकस्कूटों आदि सहित क्षेत्र के विभिन्न मुस्लिम इलाकों में काफी रौनकें देखने को मिली, इस नेक मौके पर लोगों द्वारा अपने घर मोहल्ले, कब्रिस्तान,मस्जिद, मदरसों आदि को साफ सफाई, रंग रोगन करते, बेहतर तरीके से सजा धजाकर चुस्तदुरुस्त करते देखा गया।