मुकद्दस रमजान के पहले जुमे की नमाज शुक्रवार को डेढ़ बजे स्टेशन रोड समेत गिरिडीह के सभी मस्जिदों में अकीदतों एहतराम से पढ़ी गई। जुम्मे की नमाज को लेकर सुबह से ही मुस्लिम बहुल इलाकों में उत्साह देखा गया। बताया गया कि इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे अफजल, बरकत और रहमत का महीना माना जाता है। इस महीने में पड़ने वाले जुमा की नमाज के लिए मुस्लिम समाज के लोग मस्जिद में पहुंचने को लालायित रहते हैं।

रमजान के छठवें रोजे को ही जुमा की नमाज पड़ने से रोजेदारों में उत्साह का माहौल है।बताया गया कि इस महीने में जुमा की नमाज मस्जिदों में अदा करने के बेशुमार सवाब मिलते हैं।बताया गया कि जुमा की नमाज मस्जिदों में पढ़ने का सवाब अल्लाह ताला उम्मीद से अधिक बढ़ा कर देता है। एक साथ नमाज पढ़ने से अल्लाह ताला मांगी गई दुआ को कबूल फरमाता है।

जुमा के दिन अल्लाह ताला का एक फरिश्ता सातवें आसमान से नीचे उतर आता है। वह अल्लाह ताला के बंदों से पूछता है कि है कोई ऐसा बंदा जो अपनी बंदगी से अल्लाह ताला को राजी कर ले और उसकी बेशुमार रहमत को बटोर ले।इस दिन अल्लाह के नेक बंदे को बरगलाने वाला खुद उससे माफी मांगता है। रोजेदार जुमे के दिन सुबह सेहरी और फज्र नमाज़ से लेकर इफ्तार एवं तराबीह की नमाज तक अल्लाह ताला की बंदगी कर उसे राजी कर सकता है।

इसको लेकर गोसुरवारा लाइन मस्जिद, भंडारीडीह जामा मस्जिद, मोहनपुर, पचंबा, बोडो, तेलोंडीह,बुढ़ियाखाद, बरवाडीह समेत अन्य इलाकों में रोजेदारों ने वक्त पर नमाज पढ़ा और एक दूसरे को जुम्मे की मुबारकबाद पेश की।

