गावां झामुमो पार्टी कार्यालय में बुधवार को एक कार्यक्रम का आयोजन कर हूल दिवस के मौके पर शदीद सिदो कान्हू, चांद भैरव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उनके जीवनी पर प्रकाश डाला एवं उनके दिखाए गए मार्गों पर चलने का संकल्प लिया। मौके पर झामुमो प्रखंड अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि जिस दिन झारखंड के आदिवासियों ने अंग्रेजो के खिलाफ हथियार उठाया यानी विद्रोह किया था उस दिन को हूल क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में करीब बीस हजार आदिवासियों ने अपनी शहादत दी थी। हालांकि आजादी की पहली लड़ाई सन् 1857 में मानी जाती है, लेकिन के आदिवासियों ने 1855 में ही विद्रोह का झंडा बुलंद किया था। 30 जून 1855 को सिदो कान्हू के नेतृत्व में मौजूदा साहिबगंज जिले के भोगनाडीह गांव से विद्रोह शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि अमर शहीदों ने अंग्रेजी हुकूमत को नाको चना चबा दिया था। कार्यक्रम के उपरांत कार्यकर्ताओं ने सिदो कान्हू व चांद भैरव अमर रहे आदि के नारे भी लगाए।
मौके पर अजय सिंह, विनय सिन्हा, मंसूर आलम, कैलाश सिंह, अनिरुद्ध उपाध्यक्ष, प्रदीप सिंह, जयदेव सिंह, भोला मोदी, पंकज सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे।