रिपोर्ट – आनन्द बरनवाल
प्लेस – तीसरी, गिरिडीह
कहावत है कि जिसका उदय हुआ उसका डूबना निश्चित है लेकिन छठ महापर्व सिखाता है जो डूबता है उसका उदय भी निश्चित है। कल शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। आज गुरुवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का समापन हो गया। श्रद्धालु सुबह तीन बजे से ही घाट का रुख करने लगे। भोर की पहली किरण के साथ ही व्रतधारीओं ने तिसरी प्रखंड के विभिन्न तालाबों, नदियों और घाटों की शीतल जलधारा के बीच खड़े होकर सूर्यदेव से सुख शांति व समृद्धि की कामना कर अर्घ्य दिया। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अर्घ्य के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण किया। पूरे प्रखंड में ठंड पर आस्था भारी दिखी। छठ पर्व को लेकर चार दिनों तक प्रखंड का माहौल भक्तिमय रहा। तिसरी प्रखंड मुख्यालय स्थित बड़ा तालाब, चंदौरी, गुमगी, सिंहो, लोकाई, मनसाडीह, भंडारी, खिजुरी आदि तमाम जगहों पर पर की धूम दिखी। बीते चार दिनों तक छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। तीसरी में कुछ नवयुवक के द्वारा दूध का वितरण किया गया इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी दुरुस्त दिखी। वहीं पूजा कमिटी का सहयोग भी सराहनीय रहा।