तीसरी प्रखंड के विभिन्न इलाकों में इन दिनों पेयजल की समस्या गंभीर बनी हुई है, जिससे लोगों को नदी में चुआँ खोद कर या फिर बारिश में जमा किए गया पानी को कपड़े में छान कर पीने को विवश हैं।
बता दें कि मामला तीसरी प्रखंड के खटपोंक का है जहां तीस से अधिक घरों के लोग पेयजल की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं।
इस संबंध में विशेष जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया 40 वर्षों से अब तक उन्हें पेयजल का कोई साधन प्राप्त नहीं हुआ विभाग द्वारा किसी प्रकार एक चपाकल दिया भी गया था तो वह खराब पड़ा है। जिस कारण वे नदी या सोत में चुआं खोद कर अपनी प्यास बुझा रहे थे। किंतु बरसात आने के वजह से अब यह भी मुस्किल हो गया है और जमे हुए बरसात के पानी को छानकर पीने को विवश है। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से उनके गांव में अक्सर बच्चे व बुजुर्ग बीमार हो जाते हैं।
अतः वे विभाग और सरकार से मांग करते हैं कि खराब पड़े चपाकल को अविलंब बनाया जाए एवं पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वहां डीप बोरिंग की व्यवस्था की जाए, जिससे उन सभी को शुद्ध पेयजल मिल सके।