क्या आप जानते है कि अल्बर्ट एक्का कौन थे और वो इतने चर्चित क्यों है आइए जानते है अल्बर्ट एक्का के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
साल 1971 की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई को कोई शायद ही भूल सकता है। युद्ध भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच था लेकिन इस जंग ने नयी ज़िन्दगी दी बांग्लादेश को। भारत ने अपने न जाने कितने सैनिक गँवा कर बांग्लादेश को आज़ादी दिलवाई।
इन्हीं सैनिकों में एक थे लांस नायक अल्बर्ट एक्का, जिनके बलिदान ने बांग्लादेश को तो स्वतंत्रता दी ही साथ ही अगरतला को भी पाकिस्तान में मिलने से बचाया। अगर आज अगरतला भारत का हिस्सा है तो इसका श्रेय जाता है एक आदिवासी सैनिक अल्बर्ट एक्का को।
एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के डुमरी ब्लॉक के जरी गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और माँ का नाम मरियम एक्का था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी. सी. स्कूल पटराटोली से की थी और माध्यमिक परीक्षा भिखमपुर मिडल स्कूल से पास की थी। इनका जन्म स्थल जरी गाँव चैनपुर तहसील में पड़ने वाला एक आदिवासी क्षेत्र है, जो अब झारखंड राज्य का हिस्सा है।
तीर-कमान चलाने में माहिर एक्का हमेशा से ही देश के सुरक्षा बल में शामिल होने का सपना देखते थे। बचपन से ही वे खेल में भी बहुत अच्छे थे। खेलों में अच्छे प्रदर्शन के चलते उन्हें दिसंबर 1962 में भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया।उन्होंने फौज में बिहार रेजिमेंट से अपना कार्य शुरू किया। बाद में जब 14 गार्ड्स का गठन हुआ, तब एल्बर्ट अपने कुछ साथियों के साथ वहाँ स्थानांतरित कर किए गए।
एक्का के अनुशासन और दृढ़ता को देखते हुए ट्रेनिंग के दौरान ही उन्हें लांस नायक का पद दे दिया गया था। उन्हें उनके रेजिमेंट के साथ उत्तर-पूर्वी भारत में पोस्टिंग मिली ताकि वहां पर बढ़ रहे विद्रोह को रोका जा सके। लेकिन जब 1971 में भारत-पाकिस्तान की लड़ाई शुरू हुई तो उन्हें पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) भेजा गया।