मानसून नाम सुनकर ही किसानों के चेहरों पर खुशी आ जाती है क्योंकि ये समय उनके खेती का होता है, परंतु इस बार मानसून ने एक अलग ही करवट बदल ली है जिससे झारखंड के किसानों को बहुत ही तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार कम बारिश के कारण धान की खेती में साफ प्रभाव दिख रहा है।
जी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में धान की खेती वाले करीब 86 प्रतिशत खेत कम बारिश के कारण बुरी स्थिति में है। कृषि अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी की 24 जिलों में से 4 जिलों में अभी तक धान की बुआई शुरू नहीं हुई है, जबकि बुआई का प्रमुख समय अगले सप्ताह समाप्त हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि 26 जुलाई तक झारखंड में 47 प्रतिशत बारिश कम हुई है। इस स्थिति को लेकर किसान चिंतित हैं और उनका अनुमान है कि राज्य में लगातार तीसरी बार सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
राज्य कृषि विभाग की बुवाई रिपोर्ट के अनुसार 26 जुलाई तक 18 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 2.43 लाख हेक्टेयर में धान की फसल बोई गई थी। इसका मतलब है कि कृषि योग्य भूमि का सिर्फ 13.53 फीसदी हिस्सा ही बोया गया है।
पलामू, लातेहार, चतरा और देवघर जिलों में धान की बुवाई शुरू नहीं हो सकी है। धान के अलावा मक्का, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज सहित अन्य खरीफ फसलों की स्थिति भी बहुत खराब है।