वीर सावरकर न सिर्फ़ एक क्रांतिकारी थे बल्कि एक भाषाविद , बुद्धिवादी , कवि , लेखक और ओजस्वी वक़्ता थे। विनायक दामोदर सावरकर बचपन से ही क्रांतिकारी विचारों से ओतप्रोत थे और हिंदुत्व के पक्के पैरोकार थे. उन्होंने रत्नागिरी में अस्पृश्यता को खत्म करने लिए काम किया और सभी जातियों के हिंदुओं के साथ खाना खाने की परंपरा भी शुरू की थी। उनका जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के भागुर गांव में हुआ था. बचपन से ही वे क्रांतिकारी विचारों से ओतप्रोत थे और हिंदुत्व के पक्के पैरोकार थे।