कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बनी फिल्म “द कश्मीर फाइल्स” 11 मार्च को रिलीज हो चुकी है।इसका ट्रेलर ही दर्शकों को इतना पसंद आया की लोग फिल्म देखने पर मजबूर हो गए। यह फिल्म 1990 में कश्मीर घाटी से भगाए कश्मीर पंडितों की सच्ची कहानी पर आधारित है। इस फिल्म की सिसकियाँ और रोने की आवाज रूह कपाने वाली है इस फिल्म को देखने पर,उस समय के पंडितों के साथ हुए अत्याचार का एहसास होता है। इस फिल्म में पंडितों के उस दर्द को बयां किया गया है, जिसे कभी किसी ने आगे आने नहीं दिया और न ही उस घटना के तह तक कोई पहुंचा। इस फिल्म में दिखाया गया की किस तरह कश्मीरी पंडितों की बेज्जती कर उन्हें उनके ही घर से बेघर किया गया लोगों को किस तरह मौत के घाट उतारा गया, किस तरह उनके प्रॉपर्टीस छीनी गयी।
जहाँ तक इस फिल्म के किरदार और कहानी की बात करें तो कृष्णा पंडित नाम का एक लड़का जो अपने दादा की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए तीस साल बाद कश्मीर लौट कर आया है-अपने दादा की अस्थियों के साथ। उसके दादा पुष्कर नाथ को 1990 में कश्मीर घाटी से भगा दिया गया था। कृष्णा कश्मीर के बारे में जानना चाहता है इसलिए सबकी कही सुनी बातों को छोड़ कर वह खुद कश्मीर जाकर हर बात की पहलु तक जाना सही समझता है। जाने के बाद ही उसे अपने जीवन की सच्चाई पता चलती है जो उससे जुडी होती है। इस फिल्म में ऐसे बहुत सारे भावनात्मक सीन है जिसे देख कर दर्शक रोने पर मजबूर हो जायेंगे। फिल्म में ढेरों ऐसे दृश्य हैं जो किसी भी इंसान को विचलित कर सकते हैं। मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, अतुल श्रीवास्तव, प्रकाश बेलावड़े, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी, चिन्मय मंडलेकर, पुनीत इस्सर, भाषा सुंबली, मृणाल कुलकर्णी आदि अपने अभिनय से फिल्म को विश्वसनीय बनाते हैं। यूँ कहें तो यह महज एक फिल्म नहीं बल्कि यही पिछले 32 साल से कश्मीरी पंडितों के दिल में दफन दर्दनाक दास्तां है।