गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार मंगलवार को फैक्ट्री हादसे मारे गए चार मजदूरों की मौत मामले में धनबाद कोर्ट में सशरीर पेश हुए। कोर्ट में विधायक के अधिवक्ताओं ने साक्ष्य को बंद करने की गुजारिश की, इसका सहायक लोक अभियोजक ने विरोध किया। जिसके बाद कोर्ट ने अभियोजन को गवाह पेश करने का निर्णय दिया है।
यहां एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी की अदालत में विधायक के खिलाफ एक कारखाना हादसा में हुए चार मजदूरों की मौत मामले की सुनवाई हुई। अदालत में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शाहनवाज हुसैन, कमरान आलम ने विधायक की ओर से दलीलें दी।उन्होंने अपनी दलील में अदालत को बताया कि मामले में अभियोजन की ओर से गवाह पेश नहीं किया गया है।
विधायक के अधिवक्ताओं ने अदालत से अभियोजन के साक्ष्य को बंद करने की गुजारिश की।जिसके बाद सहायक लोक अभियोजक हरेश राम ने दलीलों पर कड़ा विरोध जताया, जिसके बाद अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का निर्णय दिया है।बताया गया 19 जुलाई 2011 को करीब 3 बजकर 40 मिनट पर मेसर्स विनायक आयरन एंड कोक प्राइवेट लिमिटेड मझलीडीह में हादसा हुआ था।वहां हार्ड कोक कन्वेयर बेल्ट के झुकने के कारण गरम छाई मजदूरों के ऊपर गिर गई थी। जिसके कारण चार मजदूर बुरी तरह जख्मी हो गए थे।इलाज के दौरान विनोद तुरी, राजाराम मुरमुर, छत्तीसलाल और जोहान बास्की नाम के मजदूर की बोकारो बीजीएच में मौत हो गई थी।
तत्कालीन कारखाना निरीक्षक रतन खेस ने इसे झारखंड कारखाना नियमावली का उल्लंघन बताते हुए कारखाना के मालिक सुदिव्य कुमार के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था।अदालत ने विधायक को 29 अप्रैल को सशरीर उपस्थित होने के आदेश दिया था। इस मामले में विधायक सुदिव्य कुमार जमानत पर थे। हालांकि लाख दलील देने के बाद भी विधायक को इस मामले में कोर्ट से राहत नहीं मिली।