प्रवर्तन निदेशालय की दबिश झारखंड, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के कम से कम 10 ठिकानों पर पड़ी तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यह छापेमारी, गुरुवार को भी जारी रही। प्रवर्तन निदेशालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि छापेमारी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव पिंटू, साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव, होटवार जेलर अवधेश कुमार, डीएसपी राजेंद्र कुमार दूबे और साहिबगंज के खोदनिया ब्रदर्स सहित सीएम के अन्य करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा था।बताया कि तलाशी के दौरान विभिन्न ठिकानों से आपत्तिजकन डिजिटल उपकरण, दस्तावेज/रिकॉर्ड और नकदी बरामद की गई है। बताया कि साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव के कैंप कार्यालय से 7.55 लाख रुपये सहित कुल 36.99 लाख रुपये बरामद किए गए। डीसी के आवासीय परिसर से 9 एमएम बोर के 19 कारतूस, .380 एमएम के 2 कारतूस और.45 पिस्टल का खाली खोखा मिला है। तलाशी अभियान के दौरान 30 बेनामी बैंक खातों का पता चला जिन्हें फ्रीज कर दिया गया है। ईडी ने बताया कि झारखंड में व्यापक पैमाने पर अवैध खनन के सिलसिले में पूर्व में 51 ठिकानों पर तलाशी और 8 गिरफ्तारियों को लेकर ही 3 जनवरी को कई ठिकानों पर चापा मारा गया।बता दें कि 6 मई को ईडी ने मनरेगा घोटाला केस की जांच के सिलसिले में झारखंड की तात्कालीन खान एवं उद्योग सचिव पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापा मारा था। मामले की जांच आगे बढ़ी तो अवैध खनन का एंगल सामने आया। इस केस के सिलसिले में ईडी ने 8 जुलाई 2022 को सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और कारोबारी कन्हैया खुदानिया सहित कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था।18 जुलाई को पंकज मिश्रा से पूछताछ हुई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस केस में बाद में लाइजनर प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया गया। दाहू यादव नाम का व्यक्ति अभी भी फरार है। अवैध खनन केस में डीसी रामनिवास यादव से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों का कहना है कि अभिषेक प्रसाद पिंटू भी इस मामले में उलझते जा रहे हैं।