भारत के 13 वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एक आदर्श नेता थे उनका जन्म 11 दिसंबर, 1935 को मिराती, पश्चिम बंगाल में हुआ था। इनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी एक स्वतंत्रता संग्रामी थे।
प्रणब मुखर्जी जी ने राजनैतिक सफ़र की शुरुवात 1969 में की. वे कांग्रेस का टिकट प्राप्त कर राज्यसभा के सदस्य बन गए, 4 बार वे इस पद के लिए चयनित हुए। थोड़े ही समय में इंदिरा जी के चहेते बन गए थे। वर्ष 1984 में राजीव गांधी सरकार के कार्यकाल के दौरान पहली बार वित्त मंत्री बने प्रणब ने पार्टी से मतभेदों के चलते अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस बना डाली, लेकिन बाद में वर्ष 1989 में राजीव गांधी के साथ समझौता होने के बाद कांग्रेस पार्टी में वापस आ गए।
सन 1999 से 2012 तक प्रणब मुखर्जी जी केंद्रीय चुनाव आयोग के अध्यक्ष रहे। सन 1997 में प्रणब मुखर्जीजी को भारतीय संसद ग्रुप द्वारा उत्कृष्ट सांसद का ख़िताब दिया गया। सन 2004 में प्रणब मुखर्जीजी ने जंगीपुर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर लोकसभा सदस्य बन गए। उन्होंने रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में सराहनीय काम किया। सन 1985 से प्रणब जी जो पश्चिम बंगाल कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे, 2010 में उन्होंने किसी मतभेद के चलते उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
प्रणब मुखर्जी जी का 31 अगस्त 2020 को स्वास्थ्य ख़राब होने की वजह से देहवसान हो गया है। प्रणब मुखर्जी जी ने भारत की राजनीति में अपना एक अहम योगदान दिया है, इनके कार्यों को कभी भी भूला नहीं जा सकता है।