कल यानी 14 फ़रवरी को ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी माँ सरस्वती के प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी मनाई जाएगी। पूजा को लेकर तैयारी अंतिम चरण पर पहुँच चुकी है। मंदिरों में पंडाल सजाएँ जा रहे हैं वहीँ मूर्तिकार मूर्ति को अंतिम रूप दे रहे है। बता दें की इस बार मां शारदे की पूजा के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग, रेवती नक्षत्र और अश्विनी नक्षत्र समेत कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। धार्मिक मान्यता है बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती प्रकट हुई थीं. इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है। पंचाग के अनुसार पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 2:41 बजे शुरू होगी, जो 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार 14 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी. इस दिन पूजा-अर्चना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक है।