तिसरी प्रखण्ड के बरवाडीह पंचायत में मनरेगा योजनाओं का सोशल ऑडिट करने के उपरांत मंगलवार को बरवाडीह के कन्हाई स्थित पंचायत भवन में जनसुनवाई कार्यक्रम की गई। इस दौरान जनसुनवाई में मनरेगा से किए गए योजनाओं में भारी गड़बड़झाला उजागर हुआ है। बरवाडीह पंचायत पहले से ही योजना की गड़बड़ी के मामले में व धरातल पर योजना करने की बजाय कागजी घोड़ा दौड़ा कर योजना कि राशि की निकाशी करने में आगे रहा है और ये सब पंचायत के प्रतिनिधि,पंचायत सेवक, जेई, ओर रोजगार सेवक की मिलीभगत से होता रहा है। बहरहाल इस बार भी सोशल ऑडिट में कई चौकाने वाले मामला सामने आया है। बरवाडीह पंचायत में हुए ऑडिट के दौरान कई योजनाएं धरातल पर नही दिखी। बगैर काम किए ही योजना की राशि की निकाशी कर ली गई है,तो कहीं बगैर एमबी किए ही योजना की राशि का भुगतान कर दिया गया है।ऑडिटर के सूत्रो के द्वारा बताया गया कि कई पुराना डोभा दिखाकर नई योजना की राशि की निकासी कर ली गई है।ओर ऑडिटर द्वारा बताया गया 42 योजना स्थल पर बोर्ड नही पाया गया।जिसमें बोर्ड का पैसा भी निकासी नहीं हुवा है लेकिन बोर्ड लगाना अनिवार्य है इसके अलावे सोशल ऑडिट में और भी कई गड़बड़ियां पाई गई है। हालांकि योजनाओं में और योजनाओं की राशि की भुगतान में पाए गए गड़बड़ी के बाद रोजगार सेवक से लेकर पंचायत सेवक सभी मिलकर मामले को मैनेज करने में लगे थें। ऐसा पहली दफा नही हो रहा है। बल्कि हर बार सोशल ऑडिट में पाई गई गड़बड़ी को मैनेज कर दबा दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार जिस पंचायत में योजनाओं का ऑडिट होना है। वहां पहले से ही विचौलिया और मनरेगा कर्मियों पैसा इकट्ठा कर लिया जाता है। ताकि ऑडिट के दौरान योजनाओं में पाई गई गड़बड़ी को पैसा से दबाया जा सके है। ऑडिटर ने कहा कि बरवाडीह पंचायत में कुल 440 योजनाएं क्रियांवित की गई है जिसमे 370 योजनाओं का सत्यापन किया गया है। सत्यापन में दो योजनाएं धरातल पर नही मिली है। बगैर काम किए ही योजना की निकासी कर ली गई है। वहीं सड़क,डोभा,तालाब और टीसीबी क निर्माण में भी कई गड़बड़ियां पाई गई है। कहा कि बगैर एमबी किए ही कई योजनाओं की राशि की निकासी कर ली गई जो सरासर गलत है। इसमें योजनाओं में मुखिया, पंचायत सेवक रोजगार सेवक, जेई, पर दोषी बताया गया