ओडिशा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पुरी में विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा निकलने के लिए पूरी तरह तैयार है। हर साल ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ धूमधाम से निकाली जाती है जिसमें शामिल होने देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। कहा जाता है की हर साल आषाढ़ मास की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। इस साल रथ यात्रा का आरंभ 1 जुलाई से हो रहा है। पुरी में जगन्नाथ मंदिर से 3 सजेधजे रथ रवाना होते हैं। इनमें सबसे आगे बलराम जी का रथ, बीच में बहन सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे जगन्नाथजी का रथ होता है। रथ यात्रा का आरंभ 1 जुलाई से और समापन 12 जुलाई को होगा। भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोष सबसे ऊंचा 45.6 फीट का, उसके बाद बलरामजी का रथ तालध्वज रथ 45 फीट का और उसके बाद बहन सुभद्रा का रथ दर्पदलन 44.6 फीट का होता है। तीनों रथों का रंग भी अलग-अलग होता है। तालध्वज रथ का रंग लाल और हरा होता है। दर्पदलन काले और लाल रंग का होता है। वहीं नंदीघोष पीले और लाल रंग का होता है।