शिवराम राजगुरु महान देशभक्त एवं क्रांतिकारी नेता थे। जिन्होंने महज 22 वर्ष की आयु में मातृभूमि के लिये शहीद हो गये थे। इन्होने हँसते हँसते फांसी के फंदे को चूमा था। शिवराम राजगुरु जी का जन्म सन् 1908 में 24 अप्रैल को महाराष्ट्र राज्य के पुणे शहर के नजदीक एक छोटे से गांव खेड़ केे साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। शिवराम राजगुरु के पिता का नाम हरिनारायण राजगुरु था। जब वह केवल 6 वर्ष के हुये होंगे तभी इनके पिताजी की मृत्यु हो गई। शिवराम राजगुरु जी जब वाराणसी में अपनी पढाई पूरी कर रहे थे तभी लाकात कई देश क्रांतिकारियों से हुई। और वे तभी एक क्रन्तिकारी दल के सदस्य बन गए। उस क्रांतिकारी दल का नाम हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) था। शिवराम राजगुरु जी क्रांतिकारी दल के प्रमुख सदस्य चंद्रशेखर आजाद जी से बहुत ही प्रभावित थे जिसके कारण उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) जॉइन किया था। फिर धीरे धीरे वे सुखदेव और भगत सिंह के मित्र बन गए। और स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। जिसके बाद उन्हें सुखदेव और भगत सिंह के साथ ही 23 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गयी।