धनबाद/गिरिडीह – लगभग सात वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रेलवे बोर्ड ने धनबाद-गिरिडीह नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य झारखंड के इन दो प्रमुख जिलों के बीच 70 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बनाकर क्षेत्र को बेहतर रेल कनेक्टिविटी प्रदान करना है। परियोजना की अनुमानित लागत ₹1600 करोड़ आंकी गई है।
धनबाद-गिरिडीह रेल लाइन के लिए ट्रैफिक सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है और अब इंजीनियरिंग सर्वे की तैयारी की जा रही है, जिसमें ज़मीन की भौगोलिक स्थिति, यातायात की भविष्यगत ज़रूरतें, पुल और सुरंग की आवश्यकता, निर्माण संबंधी तकनीकी चुनौतियाँ आदि का अध्ययन किया जाएगा।
परियोजना की मुख्य विशेषताएँ:
- कुल लंबाई: 70.70 किमी
- धनबाद ज़िले में: 46.70 किमी
- गिरिडीह ज़िले में: 24 किमी
- प्रमुख स्टेशन: गोविंदपुर, महाराजगंज, टुंडी, फतेहपुर और कोईमारा होते हुए न्यू गिरिडीह स्टेशन
- नए स्टेशन: 5 (गोविंदपुर, महाराजगंज, टुंडी, फतेहपुर, कोईमारा)
- गोविंदपुर और टुंडी पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे
इस परियोजना के माध्यम से जहां धनबाद और गिरिडीह के बीच यात्रा समय में भारी कमी आएगी, वहीं क्षेत्रीय गांवों और कस्बों को भी शहरों से बेहतर संपर्क मिलेगा। इसका असर स्थानीय व्यापार, शिक्षा और रोज़गार के अवसरों पर भी सकारात्मक रूप से पड़ेगा।
विशेष रूप से गोविंदपुर और टुंडी जैसे इलाकों में रेल नेटवर्क पहली बार पहुंचेगा, जिससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा और विकास की रफ्तार तेज़ होगी।
सामाजिक-आर्थिक विकास की उम्मीद:
इस नई रेलवे लाइन से न सिर्फ यात्रा आसान होगी, बल्कि झारखंड के इस क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नया आयाम मिलेगा। गांवों से शहरों तक पहुंच सुगम होगी, जिससे लोगों को नौकरी, व्यापार और शिक्षा में अधिक अवसर प्राप्त होंगे।
रेलवे बोर्ड की यह स्वीकृति न सिर्फ एक बुनियादी ढांचे की परियोजना है, बल्कि यह झारखंड के विकास की नई पटरी भी है, जिस पर उम्मीदों की रेल दौड़ेगी। अब निगाहें इंजीनियरिंग सर्वे और आगे के निर्माण कार्य पर टिकी हैं, जिससे इस सपने को हकीकत का रूप दिया जा सके।