क्या आप जानते है Giridih का नाम गिरिडीह क्यों पड़ा??? चलिए हम आपको बताते है गिरिडीह का मतलब
“गिरी” का अर्थ “पहाड़,पर्वत”और “डीह” का अर्थ “क्षेत्र या फिर भूमि होता है यानि की गिरिडीह शब्द का शाब्दिक अर्थ निकलता है “पहाड़ों वाला क्षेत्र” .भारत के झारखण्ड राज्य के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के पूर्वोतर दिशा में स्थित गिरिडीह शहर जो कि झारखण्ड राज्य का एक प्रशानिक जिला है। गिरिडीह जिला का मुख्यालय गिरिडीह मे है। इसे 4 दिसंबर 1972 को हजारीबाग जिले से बनाया गया था। जिसके उत्तर में बिहार के जमुई और नवादा जिले पुर्व में देवधर और जामताड़ा दक्षिण में धनबाद और बोकारो तथा पश्चिम में हजारीबाग एवं कोडरमा जिले है।
गिरिडीह का इतिहास
गिरिडीह पहले हजारीबाग नामक जिले का हिस्सा था। मुंडा इस जनजातीय भूमि के पारंपरिक शासक थे। 1556 ई0 में दिल्ली के गद्दी का उत्तराधिकारी अकबर ने झारखण्ड के इतिहास को नया मोड़ दिया और इस क्षेत्र को मुग़ल साम्राज्य का हिस्सा बनाया। मुगल सम्राटों के लिए यह खुखरा के रूप में जाना जाता था। बाद में 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में, इस क्षेत्र को हजारीबाग के ब्रिटिश नियंत्रित जिले में शामिल किया गया था। यह शहर लंबे समय से ब्रिटिश शासन के तहत दक्षिणपश्चिम फ्रंटियर एजेंसी का हिस्सा रहा है।
पर्यटक स्थल
गिरिडीह जिले में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं। यह क्षेत्र प्रकृति की गोद में स्थित है जो आगंतुकों के लिए कई दर्शनीय स्थलों का भ्रमण विकल्प प्रदान करता है। यह क्षेत्र कई आकर्षक प्राकृतिक स्थलों के साथ बिखरा हुआ है। यह क्षेत्र कई भक्ति स्थानों का केंद्र भी है जो साल भर देखने के लिए तीर्थयात्रियों का तांता लगा रहता हैं। श्री सममेता शिखरजी को प्रसिद्ध रूप से परसनाथ हिल्स कहा जाता है इसके साथ ही लंगटा बाबा समाधि स्थल, उसरी फॉल, खंडोली बांध, हरिहर धाम, दुखहरण महादेव मंदिर, झारखंड धाम, श्री कबीर ज्ञान मंदिर, सूर्य मंदिर जैसे बहुत सारे जगह हैं जो घूमने व देखने लायक हैं
इसके साथ ही गिरिडीह एक खनिज समृद्ध क्षेत्र है और यहाँ सबसे अच्छी गुणवत्ता कोयला खानें मौजूद है। खनिज समृद्ध भूमि में अबरख की उच्च उपलब्धता भी है। तिसरी और गावां प्रखण्ड अयस्क और खनिजों से समृद्ध है जिसका उपयोग भारत सरकार द्वारा किया जाता है।