उत्तर पूर्वी भारत में स्टील उत्पादन को लेकर गिरिडीह के सलूजा गोल्ड का परचम लहराने वाले गिरिडीह के सलूजा गोल्ड समूह के चेयरमैन अमरजीत सिंह सलूजा को नॉर्थ अमेरिका के हट्टी शहर के थियोफनी यूनिवर्सिटी ने औद्योगिक प्रबंधन के क्षेत्र में पीएचडी डिग्री के डॉक्टरेट के मानद उपाधि से नवाजा है। सलूजा गोल्ड के चेयरमैन अमरजीत सिंह सलूजा को इंटरनेशनल स्तर पर मिले इस उपाधि के बाद एक बार फिर गिरिडीह ने स्टील उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर पूर्वी भारत में जबरदस्त उपलब्धि हासिल किया। समूह के चेयरमैन सलूजा को थियोफनी यूनिवर्सिटी ने ये उपाधि देश के राजधानी दिल्ली में दिया। वैसे थियोफनी यूनिवर्सिटी ने देश के कई और हस्तियों को साल 2022 के शुरुआती महीने में डॉक्टरेट के मानद उपाधि से सम्मानित किया। जिसमे देश के कई नामचीन डॉक्टरों के साथ शिक्षाविद, शौध करने वाले कई वैज्ञानिक और पर्यवार्यणविडो को भी इस नॉर्थ अमेरिका के इस यूनिवर्सिटी ने इस उपाधि से नवाजा। तो यूनिवर्सिटी ने उत्तर पूर्वी भारत में झारखंड के गिरिडीह से स्टील किंग अमरजीत सलूजा को औद्योगिक प्रबंधन के क्षेत्र में पांच दशक के कड़े परिश्रम के दौरान मिले सफलता के बाद इस श्रेणी के लिए सलूजा गोल्ड के चेयरमैन अमरजीत सिंह सलूजा को चयनित किया।
इधर यूनिवर्सिटी द्वारा इस मिले उपाधि से उत्साहित अमरजीत सिंह सलूजा ने सफर को चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा की पांच दशक का सफर आसान नहीं रहा। इसमें उनके तीनो बेटों ने इस सफर के दौरान पूरा सहयोग दिया। इसके बाद ही कारवां को बढ़ा पाना संभव हो पाया। 1958 में जन्मे सलूजा गोल्ड के चेयरमैन अमरजीत ने न्यूज विंग से बातचीत के दौरान कहा की वो शुरुवात से यही बात कहते रहे है की सफलता का कोई शॉर्ट रास्ता नहीं होता है।
इधर पिता को मिले इस बड़ी उपलब्धि से उनके बेटे और सलूजा गोल्ड के प्रबंध निदेशक सतविंदर सिंह सलूजा ऊर्फ मनी ने भी कहा की इस पांच दशक में कंपनी ने कई उतार चढ़ाव देखे। जिसका सामना उनके पिता ने हर चुनौती के दौरान देखा। इसके बाद ही सलूजा गोल्ड कंपनी आज उत्तर पूर्वी भारत में अपना खास पहचान बना पाई। और आज 8 हजार से अधिक युवाओं और मजदूरों के रोजगार का केंद्र बन पाई। जिसमे इंटरनेशन स्तर पर एक यूनिवर्सिटी ने समूह के चेयरमैन को औद्योगिक प्रबंधन के क्षेत्र में पीएचडी डिग्री के मानद उपाधि से नवाजा है।