भाकपा माले की ओर से आज बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए देश के संविधान पर हमले की किसी भी साजिश का एकजुटता के साथ विरोध करने का संकल्प लिया गया। वहीं क्रांतिकारी कम्युनिस्ट नेता एवं मजदूरों के हक अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए शहादत देने वाले कॉमरेड गुरदास चिरंजी को भी याद कर उनके अधूरे सपनों को साकार करने का संकल्प दोहराया गया।
दासडीह (गांडेय) स्थित पार्टी के अस्थाई कार्यालय में माले के प्रखंड सचिव मेहताब अली मिर्जा की अगुवाई में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा गया कि, देश में फासिस्टवादी ताकतों का शासन है और वे अंबेडकर द्वारा इस देश को दिए गए समतामूलक संविधान की आत्मा पर ही लगातार चोट कर रहे हैं। संविधान जहां देश के भीतर किसी भी व्यक्ति के साथ किसी भी तरह का भेदभाव करने से मना करता है, तो फासिस्ट ताकतें लगातार देश के भीतर लोगों को इस अधिकार से वंचित करने की साजिश कर रहे हैं।
यही नहीं, सदियों-सदियों से मनाए जा रहे पर्व त्योहारों की आड़ में भी नफरत का माहौल बनाकर वोट का फसल काटने की कोशिशें शुरु हो गई हैं। इससे इस देश के संविधान की मूल भावना आहत हुई है और देश की एकता और लोकतंत्र पर भी खतरा बना हुआ है।
यहां पार्टी नेता राजेश यादव ने कहा कि, हमें अंबेडकर के मूल मंत्रों को आत्मसात करना चाहिए। आज भी देश का एक बड़ा हिस्सा बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, उनके पढ़ने-लिखने, बेहतर इलाज से लेकर अन्य सुविधाओं की तो बात ही जुदा है। अंबेडकर ने हमें शिक्षित और संगठित होकर अपने हक-अधिकारों के लिए संघर्ष करने का पाठ पढ़ाया है। आज की परिस्थिति में अंबेडकर साहब के संदेश और भी अधिक प्रासंगिक हैं।
इसके अलावा श्री यादव ने गरीबों के मसीहा कॉमरेड गुरदास चटर्जी को उनकी शहादत की 22 वीं वर्षगांठ पर याद करते हुए उन्हें एक महान नेता बताया तथा कहा कि, उन्होंने झारखंड के कोयलांचल इलाके में गरीब मजदूर-किसानों के हक-अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए शहादत दी। कोयलांचल के माफिया तत्वों के खिलाफ मजदूरों के पक्ष में खड़ा होकर लड़ी गई लड़ाइयां आज भी लोगों के जेहन में हैं। हमें कॉमरेड चटर्जी जैसे नेताओं के अधूरे सपनों को पूरा करना है।
आज के कार्यक्रम में अन्य लोगों के अलावा मेहताब अली मिर्जा, सलामत अंसारी, श्याम किशोर हांसदा, दारा सिंह, लखी सिंह, राजू पासवान, खीरू दास, रितेश यादव, शंकर वर्मा, रामकिशोर सिंह, रिंकू साव, सुकर बास्की, उत्तम राय, मनोज यादव, पूरन कोल, श्यामलाल कोल, लुटन रविदास आदि मौजूद थे।