स्नान, दान और तप का त्योहार मकर संक्रांति के अवसर पर सोमवार को बराकर नदी तट पर चर्चित खिचड़ी मेला में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। लोग सुबह सबसे पहले नदी, तालाब व घर पर स्नान करके पूजा पाठ किया। बहुत श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया तो कई लोगों ने घरों पर पूजा पाठ किया। वहीं भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण किया। बाद में तील, अन्न व द्रव्य का दान किया। पूजा अर्चना के बाद लोगों ने चूड़ा, दही, गुड़ के साथ ही तील के बने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का लुप्त उठाया। गिरिडीह डुमरी मुख्य मार्ग स्थित बराकर नदी के तट पर खिचड़ी सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर लोगों ने लूत्फ उठाया। हजारों की संख्या में लोग बड़ाकर नदी तट पर लगे खिचड़ी मेला पहुंचे हुए थे। बता दें कि मकर संक्रांति का अर्थ होता है सूर्य की एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करना और धर्मशास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश होता है। आज से सूर्य उत्तरायण तथा खरमास की समाप्ति हो जाती है।