शंकरपुर/राजमहल, झारखंड।
झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में रेलवे ने विकास की नई लकीर खींच दी है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से राजमहल और शंकरपुर रेलवे स्टेशनों का व्यापक पुनर्विकास किया गया है। खास बात यह है कि अब तक एक साधारण हॉल्ट माने जाने वाला शंकरपुर स्टेशन, अब देवघर एम्स के नजदीकी एक मॉडल और आधुनिक स्टेशन के रूप में सामने आया है।
रेलवे के अनुसार, शंकरपुर स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए कई अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं। इसमें वातानुकूलित प्रतीक्षालय, नई स्टेशन बिल्डिंग, फुट ओवरब्रिज, अंडरपास, स्वच्छ और सुंदर शौचालय, रैंप, पार्किंग एरिया, और बेहतर लाइटिंग सिस्टम शामिल हैं। स्टेशन को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह पर्यावरण के अनुकूल और पूरी तरह सुविधायुक्त बन सके।
राजमहल स्टेशन को इसके ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए सजाया गया है, जिससे यह ना सिर्फ यात्रा का केंद्र बने, बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान के रूप में भी उभरे।
गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने उद्घाटन अवसर पर कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का हमेशा से लक्ष्य रहा है कि देश के पिछड़े क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ा जाए। देवघर में हवाई सेवाओं के साथ-साथ रेल सेवाओं का यह विस्तार इस दिशा में एक बड़ा कदम है। छोटे से गांव शंकरपुर में भव्य स्टेशन बनना आधुनिक भारत की तस्वीर को दर्शाता है। एम्स आने-जाने वाले मरीजों को इससे बड़ी सुविधा होगी।”
इस उद्घाटन के साथ झारखंड, खासकर संथाल परगना क्षेत्र को एक नई रेल पहचान मिली है। शंकरपुर स्टेशन, अब जसीडीह-मधुपुर रेल लाइन और आसनसोल रेलखंड के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभर रहा है। आने वाले समय में यह स्टेशन यात्रियों के लिए न सिर्फ सुविधाजनक यात्रा का केंद्र बनेगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी एक नया अध्याय जोड़ेगा।