रिपोर्ट:- विकास सिन्हा
सामाजिक अंकूक्षण टीम ने गावां आकर बिरहोर परिवारों से मिलकर उन्हें मिलने वाले सरकारी लाभ की जानकारी ली। बताया गया कि गावां प्रखंड में कुल 19 बिरहोर का नाम विभागीय आंकड़ा में अंकित है। जिसमें वर्तमान समय में मात्र छह ही परिवार निवास कर रहे हैं। 19 परिवारों में से कुछ की मौत हो गई है या फिर वह पलायन कर गए हैं। जबकि यहां बिरहोर परिवारों के बीच वितरण होने वाले अनाज में अभी भी 19 परिवारों का नाम दर्ज है और उन परिवारों के नाम से राशन का भी जिले से उठाव हो रहा है। 19 परिवार के नाम से कुल डाकिया योजना के तहत 6 क्विंटल 65 किलो एवं प्रधानमंत्री निशुल्क योजना से 2 क्विंटल 5 किलो चावल का उठाव हो रहा है।
टीम में शामिल बीआरपी राम सेवक यादव व बीआरपीएफसी मनोहर दास ने बताया कि सभी बिरहोर परिवारों में से किन्हीं को भी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि सरकार द्वारा दंपति में दोनों को पेंशन योजना से लाभान्वित करने का प्रवधान है। कहा कि यहां पर रहने वाले सभी बिरहोर परिवार के लोगों को इस ठंड में भी घास फूस के झोपड़ी में रहना पड़ रहा है। उनके पास रहने के लिए न तो छत है और ना ही उन्हें पोष्टिक आहार का लाभ मिल रहा है। सिर्फ विभागीय अधिकारियों द्वारा महज चावल और नमक दिया जा रहा है। जिससे किसी भी परिवार का भरण पोषण करना नामुमकिन है। बिरहोर के सभी बच्चे शिक्षा से वंचित है उन्हें शिक्षा की और जोड़ने वाला भी कोई नहीं है। कहा कि शीघ्र ही उच्च अधिकारियों को इस दिशा में सूचना दी जायेगी।
इधर, प्रभारी एमओ प्रदीप राम ने कहा कि जो परिवार यहां से अन्यत्र चले गये है उनकी सूची बनायी गयी है। यहां रह रहे परिवारों के बीच अनाज वितरण समय पर हो रहा है वहीं बचे हुए अनाज को भी गोदाम में सुरक्षित रखा गया है।