किसी भी सभ्य समाज के लिए न्याय बेहद अहम होता है। न्याय समाज को कई बुराईयों और गैर-सामाजिक तत्वों से दूर रखने के साथ लोगों के नैतिक और मानवाधिकारों की रक्षा भी करता है। समाज में फैली असमानता और भेदभाव से समाजिक न्याय की मांग और तेज हो जाती है। सामाजिक न्याय के बारें में कार्य और उस पर विचार तो बहुत पहले से शुरु हो गया था लेकिन दुर्भाग्य से अभी भी विश्व के कई लोगों के लिए सामाजिक न्याय सपना बना हुआ है।
विश्व सामाजिक न्याय दिवस प्रतिवर्ष 20 फरवरी को पूरे विश्व में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने सर्वसम्मति से 10 जून 2008 को एक निष्पक्ष वैश्वीकरण के लिए सामाजिक न्याय पर ILO घोषणा को अपनाया। सामाजिक न्याय राष्ट्रों के भीतर और उनके बीच शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक अंतर्निहित सिद्धांत है।