गिरिडीह सदर अस्पताल में अवस्थित ब्लड बैंक के संचालन को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति और रेड क्रॉस सोसाइटी के बीच विवाद का नकारात्मक असर अब दिखने लगा है. ब्लड बैंक में कार्यरत रेड क्रॉस सोसाइटी के 5 कर्मचारियों की सेवा सिविल सर्जन ने वापस कर दी है। इन कर्मचारियों में 2 लैब असिस्टेंट, 1 कंप्यूटर ऑपरेटर, नाइट गार्ड और स्वीपर शामिल है. इस संबंध में गिरिडीह सिविल सर्जन डॉ एस पी मिश्रा ने रेड क्रॉस के सचिव को पत्र भी जारी कर दिया है. सीएस का स्पष्ट कहना है कि ब्लड बैंक का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति करती है, इसलिए रेड क्रॉस के कर्मचारियों की कोई जरूरत नहीं है। इधर गिरिडीह रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव विवेश जालान ने सीएस पर दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्य करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब रेड क्रॉस इन कर्मचारियों का मानदेय देती है तो फिर इनकी सेवा वापस करने का कोई तुक नहीं है. रेड क्रॉस की ज्वाइंट सेक्रेटरी निकिता गुप्ता ने पिछली कमिटी और वर्तमान पदाधिकारियों के व्यवहार और कार्यपद्धति को इस समस्या का जिम्मेवार ठहराया है. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते आपसी विवाद को सुलझा लिया जाता, तो आज ये नौबत नहीं आती. हालांकि रेड क्रॉस के चेयरमैन अरविंद कुमार ने आश्वासन दिया है कि इन कर्मचारियों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। बहरहाल, स्वास्थ्य सेवा देने वाली दो सोसाइटी के अहम की इस लड़ाई में न सिर्फ ब्लड बैंक की सेवा प्रभावित हो रही है, बल्कि वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारी बिना गलती के इसका खामियाजा भुगतने को विवश हैं.