न्यू बरगंडा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश शक्ति ने बगोदर में कैंसर पीड़ित वृद्ध महिला को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने के मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को शनिवार को पत्र लिखा है और मामले को संज्ञान में लेने का अनुरोध किया है।पत्र के माध्यम से सुरेश शक्ति ने बताया कि संविधान दिवस के अवसर पर बगोदर पुलिस ने एसडीपीओ नौशाद आलम के निर्देश पर एक वृद्ध कैंसर पीड़ित महिला के संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया है और महिला को प्रताड़ित किया है। बताया कि कुछ दिन पूर्व बगोदर प्रखंड के संतुरूपी मौजा से शमशेर नामक एक जमीन कारोबारी का अपहरण हुआ था। जिसकी तहकीकात बगोदर पुलिस कर रही है इसी क्रम में 26 नवंबर शुक्रवार को पुलिस बिना किसी सूचना या FIR के बगोदर थाना अंतर्गत अटका निवासी हरि नाथ तिवारी के घर पहुंची और उनकी कैंसर पीड़ित 65 वर्षीय पत्नी और बहू शोभा देवी को जबरदस्ती घर से थाना लेे गई। इस दौरान घर में कोई भी पुरुष मौजूद नहीं था।बताया कि कैंसर पीड़ित वृद्ध महिला का 2 साल से इलाज चल रहा है और वह चलने फिरने में शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है । फिर भी पुलिस ने दर्द से कराहती महिला और उसकी बहू को थाना ले गई। जहां दोनों को यह कह कर घंटों बैठाए रखा गया एसडीपीओ के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है वह पेट्रोलिंग में निकले हैं लौटने पर आप से पूछताछ करेंगे। इधर सूचना मिलते ही वृद्ध महिला का भतीजा महेंद्र तिवारी थाना पहुंचा लेकिन उसे महिला से मिलने नहीं दिया गया। 4 घंटे बाद एसडीपीओ नौशाद आलम थाना लौटे इसके बाद पीड़ितों को कुछ कागजों पर दस्तखत करने को बाध्य किया गया। भय के कारण पीड़िता ने कागजातों पर हस्ताक्षर कर दिया। सुरेश शक्ति ने इस मामले को संज्ञान में लेने का अनुरोध महिला आयोग से किया है। इन्होंने बगोदर विधायक, कोडरमा सांसद, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस मामले में उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
इस मामले में एसडीपीओ नौशाद आलम का कहना है कि महिला को किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया गया है।प्राप्त इनपुट के आधार पर इस दोनों महिलाओं समेत दो लोगों को पूछताछ के लिए थाना लाया गया था।