राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत गुरुवार को ‘इंकलाबी नौजवान सभा तथा छात्र संगठन ‘आइसा’ के नेतृत्व में छात्र युवाओं ने झंडा मैदान से रोजगार अधिकार मार्च निकाला।मौके पर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति लागू करने तथा झारखंड में रिक्त पड़े सभी पदों पर तत्काल बहाली की मांग के साथ – साथ बाहरी भाषाओं को झारखंड की भाषा के रूप में शामिल करने की साजिश का विरोध किया गया।
इस कार्यक्रम की अगुवाई ‘आरवाईए’ नेता उज्जवल साव, कमरुद्दीन अंसारी, मनोज यादव, जब्बार अंसारी आदि ने करते हुए कहा कि, हेमंत सरकार झारखंड के युवाओं के साथ वादाखिलाफी कर रही है। क्योंकि चुनाव के वक्त 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करने के साथ-साथ रिक्त पदों पर बहाली की भी बात कही गई थी। लेकिन कुर्सी मिलते ही अब सरकार की भाषा बदल गई है।
कार्यक्रम में मौजूद भाकपा माले के गिरिडीह जिला सचिव पूरन महतो, राजेश यादव, राजेश सिन्हा, मनोवर हसन बंटी, नौशाद अहमद चांद, जयंती चौधरी, कौशल्या दास, रेणु रवानी, सरिता साव आदि ने भी छात्र युवाओं की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से तत्काल बाहरी भाषा को झारखंडी भाषा बनाने संबंधी आदेश वापस लेने तथा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति लागू करते हुए सभी सरकारी रिक्त पदों पर बहाली सुनिश्चित करने की मांग की, और कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो झारखंड के छात्र-युवा सड़कों पर उतरने को बाध्य होंगे।
मौक़े पर सनातन साव, उपेंद्र तुरी, मो0 गुफरान, मो0 मजबुल, बालेश्वर यादव, धीरेंद्र राणा, प्रकाश रजक, कुलदेव मंडल, पूरन रजक, महेंद्र चौधरी, समीर अंसारी, नवीन सिंह, मो0 इकराम, राहुल राणा, परवेज आलम आदि मौजूद थे।