डुमरी:प्रखंड वासियों के बीच रेफर अस्पताल के नाम से चर्चित रेफरल अस्पताल डुमरी में संसाधनों की घोर कमी से मरीजों का आना तो कम हो ही गया है और अब डिलेवरी हेतु आने वाली क्षेत्र की गरीब महिलाओं से डिलीवरी के बाद पुत्र व पुत्री होने पर एक बंधी हुई रकम की मांग करने का गोरखधंधा शुरू हो गया है और यदि प्रसुता के पास यदि पैसे नहीं है तो उसका बच्चा उसकी मां को सुपुर्द नहीं किया जाएगा।जी हां
यह बिल्कुल सही है हालांकि यह धंधा वर्षों से चल रहा है परन्तु उजागर नहीं हो पाता था लेकिन कहा जाता है कि पाप का घड़ा एक ना एक दिन जरूर ही भरता है और वही हुआ।शनिवार को एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जिससे उक्त गोरखधंधे की
पुष्टि करता है।25 मार्च को प्रखंड के मंगलूआहार की
एक प्रसुता खुशबू देवी (पति तालेश्वर महतो) अपनी बहन के रेफरल अस्पताल आई जहां उसे एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।शनिवार को जब वह घर जाने लगी तो
प्रसव कराने वाली स्वास्थ्य कर्मी प्रसुता की बहन से 1500 रूपये बतौर नजराना की मांग की,नहीं देने पर
बच्चा नहीं देने की बात कही,तब जाकर 1300 रूपये दी गई लेकिन तबतक यह बात स्थानीय पत्रकारों के पास चली गई थी।पत्रकारों ने जब प्रसुता की बहन से
पूछा तो वह नजराने की मांग की पुष्टि करते हुए कहा कि हमसे पूर्व माकन की एक प्रसुता से भी राशि वसूल लिया गया।बताया कि उसकी बहन का पति गुजरात में टावर लाइन में काम करता है।बताया कि जब डेढ़ हजार रुपये देने में असमर्थता जताई तो सिस्टर द्वारा कहा गया कि नवजात के नानी या अन्य रिश्तेदारों से
पैसे मांग कर लाओ तभी बच्चे को बेड से उठाने देंगे।
बताया कि वे लोग गरीब व्यक्ति हैं।साथ में मौजूद सात सौ रूपये दे रहे थे लेकिन नहीं मानी तब जाकर किसी तरह से जुगाड़ कर 1300 रूपये दिया।