झारखंड:
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने नकली दवाइयों और कफ सिरप के अवैध कारोबार पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जनता के स्वास्थ्य से कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा – चाहे वह दवा माफिया हो या भ्रष्ट अधिकारी।
अब QR कोड बताएगा दवा असली है या नकली
स्वास्थ्य विभाग ने 300 जरूरी दवाओं पर QR कोड अनिवार्य कर दिया है। बिना कोड वाली दवा अब न बाजार में बिकेगी और न ही मेडिकल स्टोर में टिकेगी। इस QR कोड से उपभोक्ताओं को मिलेंगी ये महत्वपूर्ण जानकारियां:
- दवा का असली नाम
2. निर्माता कंपनी का नाम
3. बैच नंबर
4. निर्माण और समाप्ति तिथि
इन दवाओं पर QR कोड जरूरी:
पेनकिलर, बुखार की दवाएं, प्लेटलेट बढ़ाने वाली दवाएं, शुगर और थायरॉयड की दवाएं, गर्भनिरोधक और विटामिन सप्लीमेंट्स।
मेडिकल दुकानों पर सख्ती
स्वास्थ्य मंत्री ने चेतावनी दी है कि बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन वाली दुकानें अब बंद की जाएंगी। ड्रग इंस्पेक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना किसी दबाव के जांच करें और नकली दवा मिलने पर तत्काल कार्रवाई करें।
कफ सिरप बना नशे का जरिया, अब होगी सख्त निगरानी
कई सिरप में कोडीन और अल्कोहल जैसे नशीले पदार्थ पाए गए हैं, जिससे युवा वर्ग में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है। सरकार ने ऐलान किया है कि बिना डॉक्टर की वैध पर्ची के कफ सिरप बेचना कानूनी अपराध होगा। इसके उल्लंघन पर मेडिकल स्टोर सील कर दिए जाएंगे।
राज्य में बनेंगे अत्याधुनिक टेस्टिंग लैब
दुमका, रांची, जमशेदपुर और पलामू में जल्द ही आधुनिक फूड और मेडिसिन टेस्टिंग लैब्स की स्थापना होगी। अब दवा और खाद्य पदार्थों की जांच में न तो देरी होगी, न ही भ्रष्टाचार।
खाद्य पदार्थों की भी होगी जांच
सरकार अब सिर्फ दवाओं तक सीमित नहीं है। मॉल, होटल, और रेस्टोरेंट में मिलने वाले खाद्य पदार्थों की भी गुणवत्ता, एक्सपायरी और मिलावट के आधार पर जांच होगी। खराब पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री का दो टूक संदेश:
“दवा हो या खाना – झारखंड में अब से गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। जो भी जनता की सेहत से खेलेगा, वह सीधा जेल जाएगा।”
झारखंड में यह कदम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि यह सख्ती जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावशाली साबित होती है।