महादेवी वर्मा छायावादी युग की प्रमुख कवयित्री मानी जाती हैं. आधुनिक हिंदी साहित्य में महादेवी वर्मा मीराबाई के नाम से प्रसिद्ध हुईं। आधुनिक गीत काव्य में महादेवी वर्मा जी का स्थान सर्वोपरि रहा तथा उन्होंने एक गद्य लेखिका के रूप में भी अपनी ख्याति प्राप्त की। छायावाद के चारों प्रमुख स्तंभों जैसे प्रसाद, पंत, निराला और महादेवी वर्मा की प्रमुख काव्य प्रवृत्ति गीतात्मक है, फिर भी इन चारों की अपनी निजी विशेषताएं भी हैं। महादेवी जी में बौद्ध दर्शन की करुणा व्याप्त है। महादेवी का समूचा काव्य वेदनामय दुखों के आंसुओं से भरा हुआ है। यह उनका अपना व्यक्तिगत भी है और समाजिक भी है और सब मिलकर विश्व वेदना बन जाता है। उनकी कविता ‘सब आंखों के आंसू उजले सबके सपनों में सत्य पला’ का प्रत्यक्ष दर्शन कराती है।