रिपोर्ट – आनन्द बरनवाल
प्लेस – तीसरी,गिरिडीह
गिरिडीह जिले के तीसरी आदिवासी बहुमुल इलाकों में नबालिकों को धडल्ले से रोजगार के नाम पर दलालों द्वारा बड़े शहरों में ले जाया जा रहा है। इसमें से कुछ लड़कियां परिजन के संपर्क में रहती है तो कुछ का पता नही चल पाता है।
ऐसे ही एक मामला तीसरी के मनसाडीह ओपी क्षेत्र से निकल कर आया है। बता दें कि नाबालिक लड़की का नाम मुन्नी मुर्मू पिता चतुर मुर्मू है और वह जालगोड़ा गांव की निवासी है। करीब छह वर्ष पूर्व द्वारपहरी निवासी मदन हांसदा ने इस नाबालिक लड़की को रोजगार दिलाने के नाम पर दिल्ली ले गया था जिसके बाद एक वर्षों तक वह परिजनों के संपर्क में रही। मगर उसके बाद से परिजनों से बात भी नहीं हो पाया। जब लड़की के पिता ने अपनी बच्ची का हाल जानने का प्रयास किया तो दलाल द्वारा टाल मटोल की जाने लगी। जिसके बाद लड़की के पिता ने उसे वापस घर भेजने को कहा मगर एक महीने दो महीने कह कर दलाल ने उसे अब तक परिजनों के सुपुर्द नही किया। अपनी पुत्री के लिए परेशान पिता ने इसकी जानकारी जब मुखिया प्रतिनिधि अनासियस हेंब्रम को दी और वापस लाने का गुहार लगाया तो मुखिया प्रतिनिधि ने चाइल्डलाइन की टीम से संपर्क किए। और वे किसी तरह दलाल को तिसरी बुलाए जहां पहले से तैनात एसआई अमित कश्यप ने दलाल को अपने गिरफ्त में ले लिया। खबर लिखे जाने तक दलाल मदन हांसदा से पुछ ताक्ष किया जा रहा था। इसके साथ ही परिजनों द्वारा थाना में लिखित आवेदन देते हुए बच्ची की सकुशल वापसी को लेकर गुहार भी लगाई गई है।