गावां प्रखंड मुख्यालय में बुधवार को संघर्ष संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रखंड मुखिया, रोजगार सेवक, पंचायत सेवक और जनसेवक संघ ने एकदिवसीय धरना दिया। धरना के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा गाइडलाइन के विरुद्ध मुखिया, पंचायत सेवक और रोजगार सेवक पर दर्ज हुए मुकदमा को वापस लेने व इसकी पूर्णवृति नहीं करने की मांग की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रोजगार सेवक संघ के प्रखण्ड अध्यक्ष एकलाल रविदास ने कहा कि सरकार ने सोशल ऑडिट टीम से मनरेगा योजना का सामाजिक अंकेक्षण कराया गया था। परतुं सामाजिक अंकेक्षण की टीम ने मनमाने तरीके से गलत रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिया गया। जिसके आधार पर जिला प्रशासन के निर्देश पर गावां प्रखण्ड के सेरुआ व जमडार पंचायत के रोजगार सेवक, मुखिया व पंचायत सेवक पर मामला दर्ज कर दिया गया। जबकि मनरेगा गाइडलाइन में कहीं भी ऐसा प्रावधान नही की मनरेगा में किसी तरह के गलत कार्य होने पर राशि की रिकवरी के साथ साथ मुकदमा दर्ज किया जाए। बल्कि अगर मनरेगा कार्य मे गड़बड़ी दिखता है तो पैसे की रिकवरी किया जाता है या फिर जुर्माना वसूला जाता है। सोशल ऑडिट द्वारा जांच किया गया। मनरेगा से सभी योजना मनरेगा मजदूर से कराया जाता है। उसके बाद भी मुकदमा किया गया। अगर जिला प्रशासन 12 मार्च तक मुकदमा वापस नही लेती है तो हम लोग सभी जिला समाहरणालय गिरिडीह में भी एक दिवसीय धरना देंगे। उसके बाद भी अगर हमारी मांगे पूरी नही हुई तो 15 मार्च से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार एक कलमबंद हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
मुखिया ब्रह्मदेव शर्मा ने कहा कि मुखिया के बगैर सूचना के सोशल ऑडिट किया गया और जिला प्रशासन को गलत रिपोर्ट सौप देने के कारण झूठा मुकदमा किया गया है। जबकि मनरेगा गाइडलाइन में मनरेगा में गड़बड़ी दिखने पर जुर्माना वसूला जाता है जबकि जिला प्रशासन द्वारा हमलोगों पर झूठा मुकदमा किया गया है। जिला प्रशासन जल्द से जल्द मुकदमा वापस ले अन्यथा बाध्य होकर हमलोग सभी मुखिया मिलकर कलमबद्ध हड़ताल करेंगे।










