भारतेंदु हरिश्चंद्र भारतीय आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक कहे जाते है. बहुमुखी प्रतिभा के धनी भारतेंदु जी ने साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में मौलिक एवं युगान्तकारी परिवर्तन किए तथा हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी. वे हिन्दी साहित्य में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे. इनका मूल नाम हरिश्चंद्र था बाद में इन्हें ‘भारतेंदु’ की उपाधि दी गई थी. इनके जन्म एवं कार्यकाल के समय भारत अंग्रेजों का गुलाम था. इन्होंने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण के चित्रण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया. . हिंदी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में इनका बहुमूल्य योगदान रहा. हिंदी में नाटकों का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चंद्र से ही माना जाता है. इन्होंने हिंदी को राष्ट्र भाषा के रूप में सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया