श्री गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु है। इन्होने खालसा पंथ की स्थापना की थी एवं गुरु गोबिंद सिंह ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया था। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव सेवा और सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए बिता दिया। इन्होने ही सिखों बाल, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा धारण करने का आदेश दिया था जिसे पंच ककार कहते है। उन्होंने “सत श्री अकाल” (जिसका अर्थ है “सच्चा ईश्वर एक है”) का नारा दिया। गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था। इस दिन को लेकर सिख समुदाय के लोग काफी हर्षोल्लास के साथ मानते है। गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है।