……और आखिरकार प्रशासन को यह कठोर फैसला लेना ही पड़ा।सन् 1923 में अंग्रेजों द्वारा बनाये गए गिरिडीह के बरगंडा के पुराने पुल को ध्वस्त करने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई। दरअसल इस पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद भी हर दिन हजारों की संख्या में लोगों की आवाजाही इस पुल से हो रही थी। प्रशासन ने दोनों ओर पहले बैरिकेटिंग करवाया। बाद में दीवार भी दिया,लेकिन फिर भी लोगों ने तमाम अवरोधों को तोड़कर आना-जाना जारी रखा। जिसके बाद संबंधित विभाग ने इस पुल को ध्वस्त करने का फैसला ले लिया। सोमवार सुबह से ही यहां जेसीबी और ड्रिलिंग मशीन से पूल को तोड़ने का काम प्रारंभ कराया गया। जल्द ही इस पुल का नामोनिशान यहां से मिट जाएगा। इधर इस बाबत पूछे जाने पर सदर विधायक सुदिब्य कुमार सोनू ने कहा कि यह पुल सभी के लिए खतरे का सबब बना हुआ था।जिससे कभी भी लोगों के जानमाल का नुकसान हो सकता था। इस वजह से इसे ध्वस्त कराया जा रहा है।लेकिन लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग जल्द ही पूरी होने जा रही है।पुराने पुल के बगल में ही अर्द्ध निर्मित नए पुल का निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ होगा। कहा कि जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जा रहा है।