देश को आज़ाद हुए पुरे 76 साल बीत चुके है। लेकिन अभी भी भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जिसपर ब्रिटिश का कब्ज़ा है। यकीन नहीं हो रहा न आपको ? यह बात सुनने में जितना अटपटा है उतना ही सच भी है। ब्रिटेन की एक प्राइवेट कंपनी इस रेलवे ट्रैक को संचालित करती है। हालाँकि भारत सरकार ने इस रेलवे ट्रैक को बहुत बार खरीदने की कोशिश की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। और आपको यह जानकर और भी हैरानी होगी कि भारतीय रेलवे इस ट्रैक के लिए हर साल 1 करोड़ 20 लाख की रॉयल्टी ब्रिटेन की एक प्राइवेट कंपनी को देती है। हम बात कर रहे हैं ‘शंकुतला रेलवे ट्रैक’ की। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि इस रेलवे ट्रैक पर सिर्फ एक ही ट्रेन ‘शंकुतला पैसेंजर’ चलती थी। ये रेलवे ट्रैक नैरो गेज (छोटी लाइन) का है। फिलहाल इस ट्रैक पर चलने वाली ट्रेन अब बंद हो गयी है। लेकिन स्थानीय लोग इसे फिर से शुरू कराने की मांग कर रहे हैं। बता दें की इस रेलवे ट्रैक पर कई छोटे छोटे स्टेशन है। सफर के दौरान ट्रेन अचलपुर, यवतमाल समेत 17 अलग-अलग स्टेशनों पर रुकती है। ट्रेन की बात करें तो इस ट्रेन में पहले सिर्फ 5 डिब्बे थे और यह भाप वाली इंजन से चलती थी। जिसे 1994 के बाद बदल कर डीजल इंजन लगा दिया गया साथ ही इसके डिब्बे भी बढ़ा कर 7 कर दिए गए।
क्यों बना था यह रेलवे ट्रैक
इस रेलवे ट्रैक के बनने के पीछे भी अंग्रेजों की बुरी मंशा ही थी। दरअसल अंग्रेजों के जमाने से ही महाराष्ट्र के अमरावती में कपास की खेती होती थी। अमरावती से कपास को मुंबई पोर्ट तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजों ने इस रेलवे ट्रैक को बनवाया था। ताकि यह काम आसानी से हो सके। ब्रिटेन की क्लिक निक्सन एंड कंपनी ने इस रेलवे ट्रैक को बनाने के लिए सेंट्रल प्रोविंस रेलवे कंपनी (CPRC) की स्थापना की। और इस रेलवे ट्रैक का काम 1903 में शुरू हो गया था और 1916 में यह कार्य पूरा हो गया। लेकिन जब भारत देश आज़ाद हुआ तो ब्रिटिश कंपनी से भारत से समझौता किया जिसके तहत ही भारत आज भी हर साल रेलवे कंपनी को रॉयल्टी देती है। बता दें की ‘शंकुतला रेलवे ट्रैक’ को आखरी बार 2020 में चलाया गया था। उसके बाद इसे बंद करा दिया गया। दरअसल हर साल अंग्रेजों को रॉयल्टी देने के बावजूद भी कंपनी की तरफ से पिछले 60 सालों से यहां कोई मरम्मत का काम नहीं हुआ। जिससे ट्रैक की स्थिति जर्जर हो चुकी है। ट्रेन की स्पीड भी 20 किलोमीटर से ज्यादा नहीं हो पाती है। इन्हीं कारणों की वजह से इस इस ट्रेन को बंद कर दिया गया है।