गिरिडीह जिले में सरकारी राशन की कालाबाजारी की खबरें लगातार सुर्खियों में है। अब तक सरकारी राशन से भरे हुए कई ट्रक पकड़े जा चुके हैं तो कई जगहों पर डीलर के द्वारा राशन नही दिए जाने का मामला सामने आ चुका है। ऐसा ही एक मामला जमुआ प्रखंड के धर्मपुर पंचायत से सामने आया है।
जमुआ प्रखंड के धर्मपुर पंचायत अंतर्गत ग्राम हरिलवाटांड, कुनेडीह, रामपुर एवं नावाडीह के लोगों ने अपने राशन डीलर आईडिया राज महिला स्वयं सहायता समूह, धर्मपुर, लाइसेंस नम्बर 02/2020 के ऊपर बीते दो वर्षों से महीने में दो बार की जगह केवल एक ही बार राशन देने का आरोप लगाया। ज्ञात हो कि कोरोना काल के समय से पूर्व से मिल रहे राशन के अतिरिक्त प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 5 किलो राशन प्रति यूनिट/ प्रति कार्डधारी को मुफ्त में दिया जाना है, यानी जिनको पहले से 5 किलो मिल रहा था उनको 10 किलो राशन महीने में एक बार मे या दो बार मे देना है। परंतु यहां के ग्रामीणों का कहना है कि हमलोगों को पिछले 2 वर्षों से महीने में केवल एक बार मात्र 5 किलो राशन ही प्रति यूनिट मिल रहा है। जबकि हमलोगों मशीन ठीक से काम नही करने का बहाना बनाकर कई एक बार अंगूठा लगवा लिया जाता था। ग्रामीणों ने बताया कि पहले इन लोगों को योजना की जानकारी ही नही थी लेकिन जानकारी होने के बाद ये लोग जब डीलर से अपना राशन मांगने जाते हैं तो इन लोगों के साथ अभद्रता भी की जाती है और डीलर के द्वारा राशन कार्ड से नाम कटवा देने की धमकी दी जाती है। ग्रामीणों ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि डीलर के द्वारा कार्डधारियों को यह बोला जाता है कि जहां जाना है जाओ, जो करना है करो, मेरा कुछ नही बिगड़ेगा क्योंकि हम MO, DSO सबको घुस देते हैं तथा सारा राशन गोदाम से ही राशन माफिया के पास बिक जाता है और हमको कमीशन मिल जाता है तो कोई मेरा कुछ नही बिगाड़ पाएगा। इसके अलावे ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि डीलर के द्वारा इनलोगों को झूठे मुकदमे में फंसाने की भी धमकी दी जा रही है।
इस संबंध में जमुआ प्रखंड के धर्मपुर पंचायत के विभिन्न गांव के लोगों, वार्ड सदस्य समेत कुल 43 लोगों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन मंगलवार को जिला आपूर्ति पदाधिकारी गिरिडीह, उपायुक्त गिरिडीह एवं पुलिस अधीक्षक गिरिडीह को देकर बीते 2 वर्षों का राशन दिलवाने की मांग की गई है अन्यथा ग्रामीणों के द्वारा उग्र प्रदर्शन किए जाने की बात बताई गई। इस संबंध में फोन के माध्यम से डीलर से सम्पर्क करने पर बताया गया कि उनके द्वारा राशन का वितरण कर दिया गया है। ग्रामीणों के द्वारा लगाया जा रहा आरोप गलत है।
आवेदक पक्ष के द्वारा बताया गया कि आवेदन की प्रतिलिपि- 1.खाद्य उप निदेशक, उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल, हजारीबाग, 2.निदेशक खाद्य सुरक्षा वितरण एवं आपूर्ति मामले झारखंड सरकार, 3.प्रखंड विकास पदाधिकारी जमुआ एवं 4.प्रधानमंत्री भारत सरकार के पास भी दी जा रही है।
अब देखना यह है ग्रामीणों को राशन मिलता है या नही और अगर बीते दो वर्षों से राशन नही दिया जा रहा था तो जिला प्रशासन दोषियों पर क्या कार्रवाई करती है।