पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शनिवार को भाकपा माले तथा इसके विभिन्न जन संगठनों ने गिरिडीह प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया।इस दौरान कृषि कानूनों को रद्द कर किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून लागू करने की मांग की गई।वहीं पेगासस जासूसी कांड की भी न्यायिक जांच करने की मांग दोहराई गई।
मौके पर भाकपा माले, अखिल भारतीय किसान महासभा, इंकलाबी नौजवान सभा आदि के संयुक्त बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम की अगुवाई पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य राजेश कुमार यादव, गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा, गिरिडीह ग्रामीण प्रभारी पप्पू खान, एपवा नेत्री प्रीति भास्कर, जोनल सचिव मनोज यादव आदि ने संयुक्त रूप से करते हुए किसान विरोधी काले कानूनों को वापस लेने तथा पेगासस जासूसी कांड की न्यायिक जांच की मांग करने के साथ साथ स्थानीय जन सवालों को लेकर प्रखंड एवं अंचल कार्यालय के प्रशासन पर जोरदार हमला बोला। कहा कि यदि जनता के सवाल हल नहीं हुए तो भाकपा माले आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है।
कहा कि, मोदी सरकार पूरी तरह से देश के करोड़ों किसानों की दुश्मन साबित हो चुकी है। तानाशाह मोदी सरकार देश की खेती को कारपोरेट कंपनियों के हवाले कर देने पर आमादा है। लेकिन किसान ऐसा नहीं चाहते, इसलिए वे सरकार से लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल ही किसान विरोधी तीनों काले कानून रद्द कर किसानों के हक में न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून लागू करने की मांग की। साथ ही, कहा कि केंद्र सरकार पर जिस तरह से पेगासस जासूसी का गंभीर आरोप लगा है, उससे इस मामले की न्यायिक जांच की जानी बहुत जरूरी है।
माले नेताओं ने स्थानीय सवालों पर बोलते हुए कहा कि, लंबे समय से कच्चे मकानों में रहने वाले अनगिनत गरीब इस बार भी प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना से छांट दिए गए हैं। झारखंड के ग्रीन राशन कार्ड धारियों को मोदी सरकार अतिरिक्त राशन नहीं दे रही है। किसानों द्वारा पैक्सों में बेचे गए धान की कीमत अभी तक उन्हें नहीं मिल पाई है। पूरा प्रखंड व अंचल कार्यालय भ्रष्टाचार की गिरफ्त में है। लेकिन अंचल कार्यालय ने तो रिश्वतखोरी के सारे पुराने सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए हैं। आम जनता को इन सारे सवालों को लेकर संघर्ष तेज करना होगा।
कार्यक्रम में अन्य लोगों के अलावा मनोज यादव, संजय चौधरी, निशांत भास्कर, सनातन साहू, संतोष राय, बासदेव राय, रुस्तम अंसारी, रहमान अंसारी, सोनू रवानी, नारायण सिंह, मजबुल मलिक, राजू सिंह, अनीता देवी, संझली देवी़, बड़की देवी, गिरधारी राय, सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।