हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चैती छठ का महापर्व मनाया जाता है। यह पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह चार दिवसीय पर्व है। पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और दूसरे दिन होता है खरना, तीसरे दिन लोग घाट जाकर डूबते सूर्य को अर्घ देते है मान्यता है कि छठ माता भगवान सूर्य की बहन है। इसलिए छठ देवी को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य को प्रसन्न करना अति आवश्यक है। इसी कारण कृत्रिम तालाब, नदी आदि में कमर तक जल में रहकर महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
चैती छठ में अर्घ्य देने का समय
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का समय- 7 अप्रैल शाम 5 बजकर 30 मिनट
उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय- 8 अप्रैल सुबह 6 बजकर 40 मिनट