रिपोर्ट :- विकास सिन्हा
बता दें कि किसान आंदोलन के 9 महीने संपूर्ण होने के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा की आखिल भारतीय कन्वेंशन में गुरूवार को शमिल हुए धनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव ।
*मिट्टी का कण-कण किसानों के अंदर गूंज रहा है सरकार को काला कृषि कानून वापस लेना होगा :-पूर्व विधायक राजकुमार यादव*
संयुक्त किसान मोर्चा की आखिल भारतीय किसान कन्वेंशन सिंधु बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में पहुंचे और कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों के हित में ही देश का हित और हमारा हित है। यह क्रांति की धरती है इतने दिनों से चल रहा किसानों का आंदोलन अद्भुत है।उन्होंने कहा कि किसानों की मांग सरकार नहीं सुन रही है, किसानों को फसल की उचित कीमत नहीं मिल रहा है।बैंको से कर्ज लेकर पूंजीपति विदेश भाग रहे हैं लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री किसानों के जख्म पर मरहम लगाने के बदले नमक छिड़क रहे हैं, यह कहकर कि खबरों में बने रहने के लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं। देश भर कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं।किसान आंदोलन देश को अपने आगोश में ले लिया है। इस दबाने के लिए मोदी-शाह की सरकार ने किसानों पर लाठियां, आंसू गैस के गोले, पानी कि बौछार चलवा रही है। मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी। कंवेंशन को सम्बोधित करते हुए यादव ने कहा कि देश में पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों ने आम जनता का जीना दूभर कर दिया है, कम होती आमदनी, जाति हुईं नौकरियां और डूबती अर्थव्यवस्था के दौर में लोग जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।देश के किसानों के अंदर मिट्टी का कण कण गूंज रहा है, कृषि बिल वापस लेना ही होगा। जो सत्ताधारी दल शहीद किसानों को न्याय नहीं दे सकता उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।