रिपोर्ट – आनन्द बरनवाल
प्लेस – तीसरी, गिरिडीह
तीसरी – एक ओर सरकार पक्का घर में रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना दे रहे हैं तो दूसरी ओर तन को ढके रहने के लिए तिरपाल के नीचे रहने के लिए मजबूर है ऎसा ही मामला तीसरी प्रखंड के बरवाडीह पंचायत के घंघरीकूड़ा गाँव के दलित परिवार मनोज चौधरी मुफसिल में जीने को मजबूर हैं ना ही कोई सहारा है ना ही कोई ठिकाना है
बताया जाता है कि मनोज चौधरी अपने पत्नी रीता देवी ओर छह बच्चों के साथ 4 वर्ष पूर्व से तिरपाल का आशियाना बनाकर बहुत ही मुश्किलें से जीवन यापन कर रहे हैं
गरीब दलित परिवार रहने के वाबजूद भी अभी तक कोई सरकारी लाभ नहीं मिला है इस दलित परिवार ने राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, इंदिरा आवास के लिए पिछले कई सालों से मुखिया, पंचायत सेवक के पास चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक मनोज चौधरी को ना ही राशन कार्ड बना है ना ही प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला है सबसे बड़ी दुर्लभ की बात यह है कि अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ तिरपाल के नीचे मुफसिल में रह रहे हैं तिरपाल के नीचे रहने से ना बल्कि बरसात के मौसम हो या ठंडी का मौसम हो वही तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर हैं बस किसी तरह से मनोज चौधरी जोगाडू का काम करके अपने परिवार के साथ जीवन यापन कर रहे हैं
लेकिन आज तक कोई भी सरकारी बाबु या मुखिया ओर न ही पंचायत सेवक का इन दुखियारी पर नजर नहीं पड़ा है
बताया गया कि कोरोना काल में जब सारा काम बंद हो गया था तो बच्चों को खिलाने के लिए दाने दाने के लिए मुमताज हो गयी थी राशन कार्ड भी नहीं था जो सहारा मिल पाता इसलिए दलित परिवार मनोज चौधरी ने जल्द से जल्द रहने ओर गुजर बसर करने के लिए प्रधानमंत्री आवास ओर राशन कार्ड के लिए प्रशासन व सरकार से गुहार लगाई है